बरेली, 15 जनवरी। थल सेना दिवस पर शुक्रवार को उत्तर-भारत क्षेत्र द्वारा रीथलेइंग समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारत के वीर सैनिकों ने देश के ध्वज तिरंगे को सदा ऊंचा रखने संकल्प लिया।
गौरतलब है कि 68 वर्ष पूर्व 15 जनवरी 1948 को जनरल के एम करिअप्पा (बाद में फील्डमार्शल) ने भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के प्रथम कमांडर इन चीफ का पद भार ग्रहण किया था और भारत के सैन्य इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा था। इसलिए यह दिवस भारतीय सेना के प्रथम कमांडर इन चीफ के सम्मान में थल सेना दिवस के रूप में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।
इस अवसर पर कार्यवाहक जनरल आफिसर कमांडिंग, उत्तर भारत क्षेत्र मेजर जनरल अनिल कुमार सिंह, सेना मेडल तथा अन्य आफिसर्स और जे.सी. ओज ने अमर शहीदों को जाट रेजिमेंटल सेंटर, बरेली स्थित युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजली अर्पित की। इनके अलावा बरेली कैंट के सभी आफिसर्स, बुजुर्ग सेनानियों, जे.सी.ओ. तथा जवानों ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किये। अमर शहीदों को सलामी दी गयी तथा उनकी आत्मा की शांति के लिए सर्वधर्म पाठ किया गया तथा वीरनारियों को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर सभी ने सैन्य परम्पराओं के अनुरूप साहस, समर्पण, ईमानदारी, कर्तव्यपरायणता और निष्ठा से अपनी मातृभूमि की एकता एवं संप्रभुता को बनाए रखने तथा देश के ध्वज को सदैव बुलंदियों तक पहुँचाने का संकल्प लिया।