नई दिल्ली, 10 अप्रैल। अफगानिस्तान में हिन्दुकुश पर्वत श्रेणी में केन्द्र वाले शक्तिशाली भूकंप से दिल्ली एनसीआर क्षेत्र सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में धरती हिल गई जिसके कारण लोग दहशत में आ गये और उन्हें अपने घरों से बाहर निकलना पड़ा। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.8 आंकी गई है। हालांकि जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
‘राष्ट्रीय भूकंपविज्ञान केन्द्र’ के संचालन प्रमुख जेएल गौतम ने कहा, ‘हिन्दुकुश पर्वतीय क्षेत्र में 190 किलोमीटर की गहराई पर शाम तीन बजकर 58 मिनट पर भूकंप आया जिसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 6.8 रही।’ भूकंप का झटका पाकिस्तान, जम्मू कश्मीर, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में महसूस किया गया।
रविवार को दिन में आए इस भूकंप के बाद लोग अपने घरों से बाहर आ गये। भूकंप के समय दिल्ली सचिवालय में मौजूद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने ट्वीट किया, ‘भूकंप, यह बहुत डराने वाला था। मैं दिल्ली सचिवालय की छठी मंजिल के कार्यालय में फर्नीचर और पेड़ों को हिलते हुए देख सकता हूं। आशा है कि सब ठीक होगा।’
झटके के बाद दिल्ली मेट्रो सेवाओं को कुछ समय के लिए रोका गया। दिल्ली मेट्रो के एक अधिकारी ने कहा, ‘भूकंप के बाद सेवाएं कुछ समय के लिए रोकी गई लेकिन हमने जल्दी ही संचालन फिर से शुरू किया।’ दिल्ली दमकल विभाग और पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि नियंत्रण कक्षों को किसी इमारत में कोई क्षति या किसी बड़े नुकसान के बारे में कोई काल नहीं आई।
दक्षिण गुजरात के सूरत और तापी जिलों में भी रिक्टर पैमाने पर 3.4 तीव्रता का भूकंप का हल्का झटका महसूस किया गया जिसका केन्द्र नंदवी कस्बे में रहा। हालांकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। भूकंप विज्ञान अनुसंधान संस्थान के अधिकारियों ने कहा कि सूरत और तापी जिलों में दिन में करीब तीन बजकर चार मिनट पर भूकंप का हल्का झटका महसूस किया गया। सूरत के जिला कलेक्टर राजेंद्र कुमार ने कहा कि कम तीव्रता के भूकंप का केन्द्र सूरत के पास नंदवी कस्बे में था। परमाणु ऊर्जा संयंत्र वाले तापी के काकरापाड़ कस्बे में भूकंप का झटका महसूस किया गया लेकिन केन्द्र को किसी क्षति की खबर नहीं है।