कोलकाता/गुवाहाटी, 11 अप्रैल। असम और पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण का विधानसभा चुनाव सोमवार को शुरू हो गया। जहां असम में दूसरे चरण की 61 सीटों पर 525 उम्मीदवार मैदान में हैं वहीं पश्चिम बंगाल में 31 सीटों में मतदान हो रहा है। यहां 163 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनमें से 21 महिलाएं हैं।
इस दौर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने धुआंधार चुनाव प्रचार किया है। गौरतलब है कि पहले दौर में दोनों राज्यों में भारी मतदान हुआ था। असम में इस दौरान 78 और बंगाल में 80 फीसदी मतदान हुआ था।
पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा और कांग्रेस के गठबंधन ने तृणमूल कांग्रेस के सामने कड़ी चुनौती पेश की है। तृणमूल कांग्रेस लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज होन की कोशिश कर रही है। राज्य के पश्चिमी मिदनापुर, बांकुड़ा एवं वर्धमान जिलों की 31 सीटों के लिए हो रहे इस मतदान में कुल 163 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं जिनमें 21 महिलाएं शामिल हैं।
करीब 70 लाख मतदाता सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक उम्मीदवारों की सियासी किस्मत का फैसला करेंगे। बांकुड़ा और वर्धमान जिलों में मतदाता भीषण गर्मी का सामना करते हुए मतदान करेंगे। जिलांे में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक है और लू चल रही है। कई मतदान केंद्रों पर छांव और पेयजल का इंतजाम किया गया है। चुनाव के मद्देनजर बहु चरणीय सुरक्षा प्रणाली तैनात की गई है जिनमें दो हेलीकॉप्टर, त्वरित कार्रवाई बल और उड़न दस्ते शामिल हैं।
दूसरी तरफ असम विधानसभा का दूसरे और अंतिम चरण का मतदान आज सुबह सात बजे से कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हो गया। इस चरण के मतदान में राज्य के कुल 126 विधानसभा क्षेत्रों में से 61 निर्वाचन क्षेत्रों में 525 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला होना है। इन सीटों पर सत्ताधारी कांग्रेस, भाजपा-अगप-बीपीएफ गठबंधन और एआईयूडीएफ के बीच कड़ा मुकाबला है। मतदाताओं की कुल संख्या 1,04,35,271 है, जिसमें 53,91,204 पुरूष, 50,44,051 महिलाएं और 22 अन्य हैं। ये मतदाता निचले एवं मध्य असम में कुल 12,699 मतदान केंद्रों पर मतदान करके 477 पुरूष और 48 महिला उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।
इन निर्वाचन क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करते हुए 50 हजार से ज्यादा चुनाव कर्मी तैनात किए गए हैं। चार बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्रीय जिलों (बीटीएडी) में विशेष तौर पर सुरक्षा मजबूत की गई है। इन इलाकों में एनडीएफबी (एस) उग्रवादी सक्रिय हैं। इसके अलावा हाल ही में बम विस्फोट का शिकार बने गोलपाड़ा जिले में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है।