youth agitaionबरेली, 11 अप्रैल। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से विद्यार्थी और अभिभावक बेहद परेशान हैं। मनमानी फीस वृद्धि और निजी प्रकाशकों की किताबों की मनमानी कीमत वसूली जा रही है। इस वसूली से अभिभावक दोहरे दबाव में हैं। स्कूलों की इसी मनमानी पर अंकुश लगवाने के लिए यूथ पावर वेलफेयर समिति के लोगों ने डीएम से हस्तक्षेप की मांग की है।

यूथ पावर वेलफेयर समिति के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इससे पूर्व इन लोगों ने कलेक्ट्रेट पर निजी स्कूलों की मनमानी और लूटमार पर सांकेतिक प्रदर्शन भी किया। इसमें इन्होंने विभिन्न सामान रखकर दुकान लगाकर विरोध जताया।

ajmera institute of media studies, bareillyज्ञापन देने के उपरान्त बताया कि स्कूल की ओर से नाजायज दबाव बनाया जाता है कि किताबों का कोर्स चिन्हित दुकानों से ही लें। मनमानी एडमिशन फीस भी स्कूलों से ली जा रही है। स्कूल की ड्रेस भी चिन्हित दुकानों से खरीदने का दबाव बनाया जाता है।

स्कूल के टीचर्स टयूशन पढ़ाने पर जोर देते है। आये दिन किसी न किसी आयोजन के बहाने मोटी रकम वसूली जाती है। इससे स्पष्ट है कि स्कूल का प्रबंधन कमीशन खाकर सीधे तौर पर भ्रष्टाचार करता है। इसी के चलते कई अभिभावक अपने बच्चों का नाम स्कूल से काटने के डर से सामने आकर शिकायत करने में असमर्थ हैं।

समिति के कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि इस गम्भीर विषय पर अभिभावकों को राहत दिलाने के लिए एक जांच टीम गठित कर दोषी स्कूल प्रबंधकों के विरुद्ध कार्यवाही की जाये। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष गौरव सक्सेना, संरक्षक अनिल भारद्वाज, पवन मिश्रा,हैदर अली, सुनील यादव, मयंक शुक्ला, मोहित रस्तोगी, शारदा गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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