बरेली, 7 जून। सामने बहती झील, चहचहाती चिड़ियां, चारों ओर नीम, आम, मौलश्री और बांस के पेड़ और इस सबके बीच आपका घर। घर से दस कदम पर ओपन स्वीमिंग पूल, कैफेटेरिया, ध्यानकेन्द्र एवं कम्युनिटी सेण्टर। जी हां, कुछ ऐसा ही कॉन्सेप्ट लेकर अपने शहर बरेली में एक आवासीय परियोजना शुरू हो रही है। मैत्री ईको पार्क नाम का यह प्रोजेक्ट शहर से 15 मिनट की दूरी पर लेकर आ रहा है आधारशिला इंफ्राहाईट्स।
आधारशिला के प्रबंध निदेशक पंकज गंगवार का कहना है कि लोग प्रकृति के साथ शत्रुतापूर्ण व्यवहार कर रहे हैं। विकास के नाम पर विनाश को आमंत्रण दिया जा रहा है। पेड़ काटे जा रहे हैं। हरे जंगलों की जगह कंक्रीट के जंगल उगाये जा रहे हैं। तालाबों पर कब्जे करके लोगों ने प्लाटिंग कर दी है। इस सबके परिणामस्वरूप बारिश के पानी रिचार्जिंग नहीं हो पा रही है। ग्राउण्ड वाटर लेवल नीचे जाता जा रहा है। यदि यही हाल रहा तो सूखा जैसे हालात ही पैदा होंगे। लोगों को लाइफस्टाइल बीमारियों का तीखा दंश झेलना पड़ेगा। इसी बात ने हमें प्रकृति के करीब रहने की प्रेरणा दी। फिर सोचा कि केवल हम ही क्यों रहें? अन्य लोगों को भी प्रकृति की गोद में रहने का अहसास दिलाया जाये। बस, यहीं से मैत्री ईको पार्क का विचार बन गया, फिर प्रभु कृपा से कोशिश की तो इसे मूर्त रूप भी मिलने लगा।
पंकज का कहना है कि मित्रता लोगों के साथ होती है लेकिन मैत्री प्रत्येक जीव-जन्तु, प्रकृति किसी से भी की जा सकती है। यह मित्रता का व्यापक रूप है। यदि यह मैत्री प्रकृति के साथ हो जाये तो जीवन आनन्द से भर जाता है। मैत्री ईको पार्क में हम केवल 40 फीसदी क्षेत्र की प्लाटिंग करेंगे। बाकी का 60 फीसदी सड़क, पार्क, बाग, तालाब, झील, ध्यानकेन्द्र, स्वीमिंग पूल आदि के लिए छोड़ी गयी है।
कालोनी की खासियत बताते हुए पंकज बोले-यह बरेली दिल्ली हाईवे से मात्र डेढ़ किलोमीटर है। बड़े बाईपास पर आवास विकास की प्रस्तावित परियोजना के ठीक पीछे है। कालोनी के गेट पर करीब पांच बीघा का तालाब विकसित किया जाएगा। उसमें कमल और कुमुदनी के फूलों के बीच तैरती बत्तखें और बगुले होंगे। तालाब के चारों ओर पेड़ और तालाब के ऊपर एक पुल बनाया जाएगा।
इसके अलावा करीब 250 मीटर लम्बी और 40 से 60 फिट चौड़ी एक झील और उसके किनारे एक वाकिंग ट्रैक निर्मित किया जाएगा। झील के दूसरे किनारे पर बांस, नीम और पाकड़ आदि पेड़ लगाये जा रहे हैं। कालोनी में करीब एक एकड़ का फलोद्यान लगाया जा रहा है। जिससे लोगों को ताजा एवं स्वच्छ हवा मिल सके। सीवर लाइन डालकर दी जाएगी। सीवर का पानी तालाब में डाला जाएगा, जिसका ट्रीटमेण्ट बायोटैक्नोलॉजी के माध्यम से किया जाएगा।
पंकज का कहना है कि इतना ही नहीं रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए कालोनी में ही एक प्लांट लगाया जाएगा। स्वीमिंग पूल सभी के लिए उपलब्ध रहेगा। कालोनी में ही एक पिरामिडनुमा ध्यानकेन्द्र एवं कम्युनिटी सेण्टर बनाकर दिया जाएगा। सड़कें 30 से 60 फिट चौड़ी रहेंगी। सड़कों के किनारे सोलर लाइटें लगाकर दी जाएंगी। इस प्रकार यह कालोनी न केवल प्राकृतिक रूप से विकसित जा रही है बल्कि इसमें अत्याधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध करायी जा रही हैं। यह हर मायने में मेरे सपनों का आशियाना है। (Impact Feature)
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