indain-armyमथुरा। वर्ष 1999 में हुई करगिल की लड़ाई सहित अन्य युद्धों एवं अन्य मौकों पर देश की सरहद पर शहीद हुए सैनिकों की विधवाओं ने भारत सरकार से उरी में शहीद हुए एक-एक सैनिक के बदले शत्रु के दस-दस सिर लाने के वादे को पूरा करते हुए 180 पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकियों के सिर कलम कर लाने की मांग की है।

गौरतलब है कि वर्ष 2013 में जनवरी माह के पहले पखवाड़े में पुंछ सैक्टर के मेंधार इलाके में सरहद पर गश्त कर रहे 13, राजपूताना रायफल्स के दो सैनिकों लांसनायक हेमराज सिंह (मथुरा) और लांसनायक सुधाकर सिंह (सीधी, मप्र) के सिर कलम कर पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा र्दुव्‍यवहार किया गया था। तत्कालीन विपक्षी नेताओं ने मनमोहन सिंह सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कायर और नाकारा होने का ठप्पा तक लगाया था। तब विपक्षी नेता रहीं सुषमा स्वराज ने कांग्रेसनीत सरकार से एक-एक सैनिक के सिर के बदले दुश्मनों के दस-दस सिर लाने की मांग की थी।

आज, भाजपा के उन नेताओं की वही मांगें याद कराते हुए शहीद लांसनायक हेमराज सिंह की पत्नी धर्मवती एवं 1999 के शहीद सोरन सिंह की पत्नी कमलेश देवी, भवनपुरा के शहीद सुम्मेद सिंह की पत्नी सीमा सिंह एवं हाल ही में शहीद हुए झण्डीपुर के बबलू सिंह की पत्नी रविता आदि ने सरकार से उरी में मारे गए शहीदों को सच्ची श्रद्घांजलि देने के लिए हर एक शहीद के बदले दुश्मनों के 10-10 सिर लाने की मांग की है। उनका कहना है कि आखिर कब तक भारतीय सैनिक अपनी शहादत देते रहेंगे। उन्होंने कहा कि या तो सरकार आतंकी गतिविधियों पर कारगर रोक लगाए अथवा अपने सैनिकों को भी जवाबी कार्यवाही करने का कम से कम एक मौका तो दे।

 

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