नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के उरी में आतंकी हमले के सिर्फ दो दिन बाद मंगलवार को कश्मीर में सीमापार से घुसपैठ की दो कोशिशों को सेना ने नाकाम कर दिया। मुठभेड़ में सेना ने 12 आतंकवादियों को ढेर कर दिया। इस दौरान एक जवान की भी मौत हो गयी। किसी भी आतंकी का अभी शव बरामद नहीं किया गया है लेकिन सर्च ऑपरेशन जारी है। रविवार को सीमापार से हुए आतंकी हमले का जवाब देने के लिए सरकार कई विकल्पों पर विचार कर रही है। पिछले दिनों हुए हमले में 18 जवान मारे गये थे। इस संबंध में आज सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गयी है।
श्रीनगर में सेना के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘उरी और नौगाम सेक्टरों में नियंत्रण रेखा से घुसपैठ की आतंकवादियों की दो कोशिशों को नाकाम कर दिया गया। दोनों ही जगहों पर अभियान जारी है।’ प्रवक्ता ने अभी तक चलाये गये अभियानों में मारे गये आतंकवादियों की संख्या पर टिप्पणी करने से मना कर दिया और कहा कि उचित समय पर जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। दूसरी तरफ नौगाम क्षेत्र में अभियान में एक जवान शहीद हो गया।
सूत्रों के मुताबिक 15 आतंकवादियों के एक समूह ने एलओसी के रास्ते भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की थी। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उरी हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव एस जयशंकर समेत शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में फिर से जम्मू कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। दो दिन पहले ही जैश-ए-मोहम्मद के चार पाकिस्तानी आतंकवादियों ने उरी सेक्टर में सेना के एक बेस पर हमला कर 18 जवानों की जान ले ली और कई अन्य को घायल कर दिया। सभी चारों आतंकवादी भी मारे गये। आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा दिया है।