लखनऊ/नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के भीतर चल रही आपसी कलह के बीच पार्टी से बर्खास्त राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने शिवपाल यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे असंवैधानिक तरीके से हटाया गया है। राष्ट्रीय महासचिव को निष्कासित करने का अधिकार प्रदेशाध्यक्ष के पास नहीं सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास है।
रामगोपाल ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मुझ पर या मेरे परिवार के किसी सदस्य पर सीबीआई द्वारा कोई मामला दर्ज नहीं है। उन्होंने अमर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि खोटे सिक्के ने असली सिक्के को बाजार से बाहर कर दिया है। कुछ लोगों को गलतफहमी है कि पैसे के बल पर चुनाव जीता जा सकता है। अगर ये नेता नहीं समझ पा रहे हैं तो ईश्वर उनका भला करें।
पूर्व राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि अगर पार्टी में कोई अनुशासन तोड़ता है तो इसके लिए अनुशासन समिति का गठन किया जाता है और फिर उसके अनुसार कार्रवाई की जाती है। रामगोपाल यादव ने कहा कि वह अगले चुनाव के बाद भतीजे अखिलेश को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। जहां भी अखिलेश को मेरी जरूरत पड़ेगी वहां जाएंगे। सपा सूत्रों की मानें तो समाजवादी पार्टी में पिछले तीन दिनों से जारी हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद अब सुलह के संकेत दिखाई दे रहे हैं। अखिलेश की तरफ से 23 अक्टूबर को बर्खास्त किए गए शिवपाल यादव सहित सभी नेताओं की मंत्रिमंडल में वापसी हो सकती है।
दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी के भीतर चल रहे सियासी महाभारत के बाद मंगलवार को यूपी के प्रदेश अध्यक्ष और बर्खास्त मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि पार्टी और परिवार में सब ठीक है। नेताजी मुलायम सिंह यादव का जो भी आदेश होगा, उसे मानेंगे।