नई दिल्ली। कई बार ऐसा भी होता है कि एटीएम से रुपये निकालते समय किसी वजह से नोट नहीं निकलते लेकिन संबंधित व्यक्ति के खाते में रुपये कट जाते हैं। तकनीकी भाषा में इसे एटीएम ट्रांजेक्शन फेल (Fail ATM Transaction) कहते हैं। अमूमन ऐसे मामलों में खुद-ब-खुद रुपये रिफंड हो जाते हैं। अगर ऐसा नहीं होता है तो कस्टमर केयर को फोन कर या मेल के जरिए शिकायत कर सकते हैं जिसके बाद रिफंड मिल जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार वित्तीय वर्ष 2018-2019 में ऐसे करीब 16 हजार मामले दर्ज किए गए थे। किसी भी डिजिटल इकोनॉमी के लिए यह संख्या बहुत ज्यादा है। इससे चिंतित आरबीआई ने गाइड लाइन तय की है। इसके अनुसार यदि आपको निर्धारित अवधि में आपके रुपये वापस नहीं मिलते हैं तो सीधे आरबीआई से शिकायत कर सकते हैं।
आरबीआई के नियम के अनुसार, ग्राहक जिस दिन फेल ट्रांजेक्शन की शिकायत करता है, उसके सात दिन (वर्किंग डे) के अंदर अगर उसको रिफंड नहीं मिलता है तो बैंक को रोजाना 100 रुपये के हिसाब से मुआवजा भरना होगा। इसे इस तरह भी कह सकते हैं कि जागरूक ग्राहक रिफंड में विलंब होने पर बैंक से फाइन वसूल सकते हैं।
ये है आरबीआई का नियम
-एटीएम में ट्रांजेक्शन फेल होने पर सबसे पहले उस बैंक में शिकायत कीजिए जिस बैंक ने आपको एटीएम कार्ड जारी किया है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आपने किस बैंक के एटीएम से ट्रांजेक्शन किया है।
-अगर एटीएम ट्रांजेक्शन फेल हो जाता है लेकिन खाते से धनराशि डेबिट हो जाती है तो बैंक को सात कार्यदिवस के अंदर रिफंड करना होगा।
-ग्राहक यदि फेल ट्रांजेक्शन की शिकायत नहीं भी करता है तब भी बैंक को खुद से रिफंड करना होगा। अगर आप शिकायत करना चाहते हैं तो 30 दिनों के अंदर यह काम करना होगा। अमूमन 24 घंटे में ऐसे मामलों में रिफंड मिल जाता है।