नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी पर नियंत्रण और चुनाव चिह्न साइकिल की जंग जारी रहने के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव ने गुरुवार को यहां अपने करीबी भरोसेमंद अमर सिंह से सलाह मशविरा किया और बहुत जल्दी में लखनऊ लौट गए। कुल मिलाकर समाजवादी पार्टी की साइकिल का भविष्य अभी भी अधर में लटका हुआ है।

मुलायम-अमर की मुलाकात इन अटकलों के बीच हुई है कि वे 50 प्रतिशत से अधिक विधायकों और पदाधिकारियों के समर्थन वाले पत्र के साथ चुनाव आयोग जा सकते हैं। जहां एक ओर मुलायम के करीबियों का कहना है कि उन्होंने अपना रूख स्पष्ट करने के लिए समय मांगा है, वहीं आयोग ने इस बात से इंकार किया कि मिलने का समय मांगा गया है। इसके बाद शाम में दिल्ली आने के कुछ घंटे बाद ही मुलायम आयोग में गए बिना अपने भाई शिवपाल के साथ लखनऊ लौट गये।

आयोग के सूत्रों ने कहा कि उन्हें सपा संस्थापक की तरफ से कोई दस्तावेज प्राप्त नहीं हुआ है। एक अधिकारी ने दावा किया, ‘दरअसल, उनके पक्ष ने राम गोपाल यादव को राष्ट्रीय महासचिव पद से हटाने के लिए पत्र अब तक नहीं सौंपा है।’ समाजवादी पार्टी का नाम और इसका चुनाव चिह्न ‘साइकिल’ अपने पास रखने के प्रयास में मुलायम और शिवपाल आयोग को समर्थन की जानकारी देने के लिए आज सुबह दिल्ली आए थे जबकि उनके मुख्यमंत्री पुत्र अखिलेश यादव अपने लखनऊ में आधिकारिक आवास पर बहुमत के समर्थन के अपने दावे के पक्ष में हस्ताक्षर वाले हलफनामे एकत्रित करते रहे।

सूत्रों ने दावा किया है कि अखिलेश ने 200 से अधिक विधानसभा एवं विधान परिषद सदस्यों के हलफनामे प्राप्त किये हैं। इसके बाद जल्द ही वह चुनाव आयोग को वो सभी दस्तावेज सौंपेगे जिसकी आयोग ने मांग की है। क्योंकि दोनो पक्षों की तरफ से जब मांगे गये सभी दस्तावेज आ जाएंगे तो फिर चुनाव आयोग इस पर विचार करेगा कि समाजवादी पार्टी के मालिकाना हक का असली दावेदार कौन है और साइकिल की सवारी कौन करेगा।

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