बरेली। हिन्दुस्तान इंस्टीट्यूट आफ पैरामेडिकल साइंसेज में गुरुवार को जीएनएम और एएनएम के मेधावी विद्यार्थियों और उनके माता-पिता का सम्मान किया गया। यह आयोजन युवा दिवस के अवसर पर किया गया था। सम्मान पाकर युवा विद्यार्थियों की माताओं की आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे।

समारोह को सम्बोधित करते हुए इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डा. वी.के. यादव ने युवाओं को बताया कि माता-पिता से बढ़कर कोई नहीं है। एक पिता या माता किसी भी सूरत में अपने बच्चे का बुरा नहीं चाह सकता। उसकी डांट में भी एक चिन्ता और प्यार छिपा होता है। इसी तरह कोई बच्चा यदि उसकी परवरिश भली प्रकार की जाये तो वह कभी भी अपने माता-पिता से बाहर नहीं हो सकता। उन्होंने उदाहरण दिया कि यदि किसी माली का लगाया गया पौधे को सही देखभाल की जाये तो हो सकता है कि उस पर फल नहीं लगें, लेकिन समय पर लकड़ी और छाया तो देता ही है।

उन्होंने इंस्टीट्यूट के विद्यार्थियों को आज क्रिकेट और बैडमिण्टन की किट सौंपी। कहा कि स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ्य मस्तिष्क का विकास हो सकता है। खेलकूद युवाओं के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत आवश्यक है। इसीलिए ये किट इन बच्चों को खेलने के लिए इंस्टीट्यूट ने मंगाकर इन्हें दी है।

इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। फिर सर्वप्रथम प्रथम वर्ष में आंतरिक अंकों में टॉपर्स रहे विद्यार्थियों के माता-पिता का को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इसके बाद विद्यार्थियों साक्षी यादव, अनुराधा, अनीता देवी, अर्चना को सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर सम्मानित किया गया। इन्हें प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किये गये। कार्यक्रम के अन्त में लोहड़ी और मकर संक्रान्ति के उपलक्ष्य में खिचड़ी सहभोज का भी आयोजन किया गया।

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