नई दिल्‍ली । उत्तर प्रदेश  समाजवादी पार्टी के लिए  शुक्रवार का दिन काफी अहम रहा। सुलह की कोशिशों के बीच चुनाव चिन्‍ह ‘साइकिल’ किसकी होगी, इसका फैसला आज चुनाव आयोग को करना था। आयोग में ‘साइकिल’ को लेकर काफी देर सुनवाई चली और चुनाव आयोग ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

मुलायम सिंह गुट का दावा है कि मुलायम सिंह ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और पार्टी सिंबल पर इनका ही हक है उन्होंने कहा कि रामगोपाल पार्टी से बाहर हैं और उन्हें सम्मेलन बुलाने का हक ही नहीं है।

वहीं अखिलेश गुट  का दावा है कि समाजवादी पार्टी के ज्यादातर समर्थक अखिलेश के साथ हैं इसलिए पार्टी सिंबल पर अखिलेश गुट का ही हक है।

जानकारी के अनुसार, मुलायम सिंह यादव अपना पक्ष रखने आज सुबह चुनाव आयोग पहुंचे। उनके साथ शिवपाल और अंबिका चौधरी भी मौजूद थे। वहीं, अखिलेश की ओर से रामगोपाल चुनाव आयोग पहुंचे। आयोग में समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्‍ह साइकिल को लेकर सुनवाई हुई। अखिलेश गुट ने चुनाव आयोग में अपना पक्ष रख दिया और मुलायम गुट ने भी इस मामले में अपना पक्ष रखा।

समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले दोनों गुटों की ओर से पार्टी के चुनाव चिह्न साइकिल पर दावा किए जाने के बीच चुनाव आयोग ने सुनवाई के लिए शुक्रवार (13 जनवरी) की तारीख तय की थी।

आयोग इस विवाद को 17 जनवरी के पहले सुलझाना चाहता है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा के पहले चरण का चुनाव 11 फरवरी को होना है और इसके लिए नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत 17 जनवरी को होगी। अखिलेश खेमे ने सपा के सांसदों, विधायकों और प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर वाले हलफनामे आयोग को सौंपे हैं जबकि दूसरे खेमे का दावा है कि पार्टी के संविधान के अनुसार मुलायम सिंह यादव अब भी पार्टी के प्रमुख हैं।

अगर चुनाव आयोग यह फैसला नहीं कर सका कि पार्टी के संगठन में किस धड़े का बहुमत है तो साइकिल चुनाव चिह्न पर रोक लग सकती है।

 

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