ट्रंप ने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम उन खतरों को अपने देश में न आने दें, जिनसे हमारे सैनिक विदेशों में लड़ रहे हैं। हम सिर्फ उन्हीं को अपने देश में आने देना चाहते हैं, जो हमारे देश को सहयोग देंगे और हमारी जनता से गहरा प्रेम करेंगे।’
नए रक्षामंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) जेम्स मैटिस और उपराष्ट्रपति माइक पेंस के साथ खड़े ट्रंप ने कहा, ‘हम 9/11 के सबक को और पेंटागन में शहीद हुए नायकों को कभी नहीं भूलेंगे। वे हममें से सर्वश्रेष्ठ थे। हम उनका सम्मान सिर्फ अपने शब्दों से ही नहीं, बल्कि हमारे कार्यों से भी करेंगे। आज हम वही कर रहे हैं।’
शासकीय आदेश ‘विदेशी आतंकी के अमेरिका में प्रवेश से देश की सुरक्षा’ कहता है कि 9/11 के बाद अमेरिका ने जो कदम उठाए, वे आतंकियों का देश में प्रवेश रोकने में कारगर नहीं रहे हैं।
Trump signs executive order to keep out 'radical Islamic terrorists'. https://t.co/7UEs18eLYx
— President News (@President) January 28, 2017
इसमें कहा गया कि कई देशों में युद्ध, भुखमरी, आपदा और असैन्य अशांति से बिगड़ती स्थिति के कारण यह आशंका बढ़ गई है कि आतंकी अमेरिका में दाखिल होने के लिए कोई भी माध्यम अपनाएंगे।
इसमें कहा गया कि वीजा जारी करते समय अमेरिका को सतर्क रहना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिन्हें मंजूरी दी जा रही है, उनका इरादा अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाने का न हो और उनका संबंध आतंकवाद से न हो।
शासकीय आदेश अमेरिकी शरणार्थी प्रवेश कार्यक्रम को 120 दिन के लिए तब तक निलंबित करता है जब तक इसे ‘सिर्फ उन देशों के नागरिकों के लिए’ पुनर्भाषित न कर दिया जाए जिनकी ट्रंप के कैबिनेट के सदस्यों के अनुसार उनकी पूरी तरह जांच की जा सकती है। यह आदेश इराक, सीरिया, ईरान, सूडान, लीबिया, सोमालिया और यमन के सभी लोगों को 30 दिन तक अमेरिका में दाखिल होने से रोकता है।
प्रवासियों पर प्रतिबंध संबंधी ट्रंप के शासकीय आदेश पर डेमोक्रेटिक सांसद नाराज
अमेरिका के शीर्ष डेमोक्रेटिक सांसदों ने कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवादियों को अमेरिका में प्रवेश करने से रोकने संबंधी शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्णय पर नाराजगी व्यक्त की है।
अमेरिकी महिला सांसद बारबरा ली ने कहा, ‘मैं, राष्ट्रपति ट्रंप के धर्म के आधार पर प्रवासियों एवं शरणार्थियों को अमेरिका में प्रवेश करने से रोकने वाले शासकीय आदेश से नाराज हूं। यह घोषणा संवैधानिक सिद्धान्तों एवं धार्मिक सहिष्णुता का उल्लंघन करती है, जो अमेरिकी लोकतंत्र की आधारशिला हैं।’ सीनेट में ‘मायनोरिटी लीडर’ चक शूमर ने कहा कि यह राष्ट्रपति की ओर से जारी सबसे पिछड़ा और सबसे बुरा शासकीय आदेश है।
उन्होंने कहा, ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी आर रात रो रहा है, क्योंकि प्रवासियों का स्वागत करने वाली अमेरिका की महान परंपरा, जो अमेरिका की स्थापना के समय से लागू है, को कुचल दिया गया।’
शूमर ने कहा, ‘प्रवासियों और शरणार्थियों को प्रवेश देना केवल मानवीय ही नहीं है, बल्कि इससे हमारी अर्थव्यस्था भी मजबूत हुई है और इससे दशकों से रोजगार सृजन में मदद मिली है।’
कैलीफोर्निया की सांसद कमला हैरिस ने कहा ‘होलोकॉस्ट मेमोरियल डे’ पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने मुस्लिम बहुल देशों के शरणार्थियों का अमेरिका में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया। यह समझने में कोई गलती नहीं करें कि यह मुस्लिमों पर प्रतिबंध है।’
उन्होंने कहा, ‘दोनों पार्टियों के राष्ट्रपतियों ने ऐसे लोगों के लिए अपने दरवाजे खोले हैं, जो दशकों से हिंसा और उत्पीड़न से पीड़ित रहे हैं। हम लाखों शरणार्थियों से मुंह नहीं मोड़ सकते, जो हमारे देश और हमारी अर्थव्यवस्था में सहयोग कर रहे हैं।’
भाषा