basant panchamiनई दिल्‍ली। देश भर में बुधवार को वसंत पंचमी मनाई जा रही है। माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। वसंत पंचमी को श्री पंचमी और ज्ञान पंचमी भी कहते हैं।

इस दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। मां सरस्वती को विद्या, ज्ञान, वाणी, बुद्धि, संगीत व कला की देवी माना जाता है और इस दिन देशभर में मां सरस्वती की वंदना की जाती है। इनकी उपासना करने से मूर्ख व्यक्ति भी विद्वान बन सकता है। वैसे तो माता सरस्वती की कृपा पाने के लिए अनेक स्तुतियां व स्त्रोत की रचना की गई है, लेकिन सभी में विश्वविजय सरस्वती कवच प्रमुख है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, विश्वविजय सरस्वती कवच का पाठ रोज करने से साधक में अद्भुत शक्तियों का संचार होता है तथा जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।

आज के दिन पीले रंग का बहुत महत्व होता है। हिंदू धर्म में पीले रंग को शुभ माना गया है। वसंत पंचमी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनकर मां सरस्वती की पूजा करते हैं। पीला वस्त्र पहनकर पूजा करें और मां शारदे का दर्शन करें। मौसमी फल (गाजर, बेर, मिश्रीकंद), बूंदी मिठाई, फूल, फूलमाला, पंचामृत से पूजा करें। घरों, मंदिरों के साथ-साथ स्कूलों में भी विशेष रूप से इस त्योहार को मनाया जाता है। चूंकि स्कूल को ज्ञान का मंदिर माना जाता है।

इस बार ब्रह्म मुहूर्त से ही वसंत पंचमी का आरंभ हो रहा है। वैसे तो बुधवार को दिन भर पूजन के लिए शुभ है परंतु सुबह 11 बजे तक सर्वोत्तम समय है। इस बार का वसंत पंचमी गजकेशरी, कालनिधि, विद्या और चंद्रमंगल योग में आ रही है। इस दिन को मां सरस्वती का प्राकट्य दिन माना जाता है।

 

 

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