नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम सद्भावना दिवस कार्यक्रमों से हटाए जाने पर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की।

सद्भावना दिवस राजीव गांधी की जयंती 20 अगस्त को पूरे देश में मनाया जाता है। राजग सरकार ने अगस्त 2015 में 20 अगस्त को सद्भावना दिवस पर अपने कार्यालय ज्ञापन में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम का उल्लेख करने से परहेज किया।

कांग्रेस की छाया वर्मा ने शून्यकाल के दौरान राज्यसभा में यह मामला उठाया और कहा कि राजीव गांधी का नाम ‘सद्भावना दिवस’ कार्यक्रमों से हटा दिया गया है।

उनका समर्थन करते हुए कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि वर्तमान शासन ऐसे लोगों को बढ़ावा दे रहा है, जिन्होंने देश के लिए कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा, राजीव गांधी इस देश के एक शहीद हैं और इस देश ने उनकी जयंती को सद्भावना दिवस के रूप में घोषित किया है। शर्मा ने इस मामले में जांच की मांग की। उन्होंने कहा, यह सरकार इस पर स्पष्टीकरण दे। यह पूर्व प्रधानमंत्री का बड़ा अपमान है।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राजीव गांधी की मृत्यु देश की एकता के लिए हुई और उनका नाम सरकार की योजनाओं से हटाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, वर्तमान सरकार योजनाओं का नामकरण उन लोगों के नाम पर कर रही है, जिन्होंने देश के लिए कुछ नहीं किया है। आजाद ने कहा कि राजीव गांधी का नाम तुरंत शामिल किया जाना चाहिए।

विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार की सभी योजनाओं के नाम लंबे समय तक एक खास परिवार के नाम पर नहीं रखे जा सकते। उन्होंने कहा, बहुत सारे लोग हैं, जिन्होंने बहुत सारे कार्य देश के लिए किए हैं। सिर्फ कुछ लोगों के नाम पर योजनाओं के नाम रखा जाना संभव नहीं है।

 

भाषा

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