बरेली। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती शनिवार को शहर में थीं। यहां पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभा सम्बोधित करते हुए वह पूरी उत्साह में दिखीं। उन्होंने अपने ही अंदाज में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश और केन्द्र सरकार पर बारी-बारी से हमला बोला। उन्होंने प्रदेश जहां गुण्डाराज बताया तो वहीं केन्द्र को वायदा खिलाफ सरकार की संज्ञा दे डाली। इस दौरान कई बार मैदान उनकी जिन्दाबाद के नारों से गूंज उठा। उन्होंने दावा किया कि उत्तर में अगली सरकार बसपा की ही होगी।
मयावती ने कहा कि राज्य मंे बसपा की सरकार बनने पर गरीबों, किसानों और मजदूरों के एक लाख रूपये तक के कर्जे माफ किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र के बजट में छोटे किसानों के कर्जे माफ करने की बात से भ्रमित होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राज्य में पुलिस तंत्र को दुरूस्त कर कानून के राज की स्थापना की जाएगी। लोगों को आगाह किया कि मीडिया के दुष्प्रचार और ओपिनियन पोल से भ्रमित न हों। उन्होंने दावा किया कि राज्य में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के साफ संकेत मिल रहे हैं।
भाजपा पर तीखे हमले करते हुए बसपा सुप्रीमों मायावती ने कहा कि लोगों से झूठे वायदे और गरीबों के खातों में 15-15 लाख रूपये डालने का लालच देकर ये पार्टी केंद्र की सत्ता तक पहंुची है। उन्होंने लोगों को आगाह किया कि राज्य में भाजपा की सत्ता आने पर प्रधानमंत्री नरंेद्र मोदी बेलगाम हो जाएंगे। इससे अल्पसंख्यकों, दलितों और मध्यवर्गीय लोगों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। कहा कि जुमलेबाज भाजपा राज्य के चुनाव में विकास और कानून व्यवस्था को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कर रही है।
उन्होेंने पूछा कि जब सूबे में छह साल तक भाजपा का शासन रहा उस समय कितना विकास हुआ और कानून व्यवस्था में क्या सुधार हुआ था। उन्होंने कहा कि भाजपा और सपा के सत्ता में आने पर राज्य में साम्प्रदायिकता को बढ़ावा मिलता रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 के चुनाव से पहले इन्हीं दो दलों ने मिलकर मुजफ्फरनगर और दूसरे स्थानों पर दंगे कराये थे। राज्य में उनके शासनकाल के दौरान 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी दंगे भड़काने की साजिश रची गई थी। पीलीभीत में वरूण गांधी ने एक बयान देकर साम्प्रदायिकता भड़काने की कोशिश की तो उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया। उन्होंने कहा कि उनके शासनकाल के दौरान चाहे कोई कितना भी प्रभावशाली हो उसे कानून तोड़ने पर बख्शा नहीं गया।
नोटबंदी पर प्रधानमंत्री और भाजपा को घेरते हुए उन्होंने कहा कि इस जनपीड़ादायी फैसले से किसानों, मजदूरों और छोटे व्यापारियों का ही ज्यादा नुकसान हुआ है। भाजपा ने अपने चहेते धन्नासेठों और प्रमुख नेताओं का धन तो नोटबंदी से दस महीेने पहले ही ठिकाने लगवा दिया। उन्होंने यह भी कहा कि लाखों मजदूरों को बेरोजगार होकर औद्योगिक क्षेत्रों से अपने गांवों की ओर ‘पलायन’ करना पड़ा है। इस लिए अब राज्य मेें पलायन का मुद्दा उठाने का भाजपा को कोई नैतिक हक नहीं है। उन्होंने लोगों को दलित मुस्लिम गठजोड़ से जीत का गणित भी समझाया।
कहा कि भाजपा ने ही सम्प्रदायिकता बढ़ाई है, जिसने काॅमन सिविल कोड,तीन तलाक, लव जेहाद, मुस्लिम पर्सलन लाॅ जैसे मुद्दे उठाकर कष्ट पहुंचाया है। भाजपा की देन है कि अल्पसंख्यकों को आतंकियों की नज़र से देखा जाता है। उन्होंने कहा इस सरकार में हर आदमी परेशान है। आम बजट ने आदमी की आर्थिक कमर तोड़ दी है।
मायावती ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह परिवारवादी पार्टी है। आपसी झगड़े से साफ है कि आपस में ही बटे हुए हैं तो प्रदेश का क्या भला करेंगे। भ्रष्टाचार इसी सरकार में बढ़ा है। यूपी में गुंडों का राज है। सबसे अधिक इसी सरकार में हुए। मुज्जफर नगर कांड इसी सरकार में हुआ। बुलंद शहर की घटना किसी से झुपी नहीं है। मथुरा कांड भी सपा सरकार में हुआ एक जाबाज़ अधिकारी को अपनी जान गवानी पड़ी। बसपा सरकार में कभी ऐसा नहीं हुआ। हमने भूमाफियों को पनपने नहीं दिया है।
रैली में जोन समंवयकों अतर सिंह राव और ब्रह्मस्वरूप सागर ने कहा कि सपा के प्रचार सिर्फ प्रचार में नजर आता है। जमीन पर तो कोई विकास दिख नहीं रहा है। कानून व्यवस्था ध्वस्त होने से सभी लोग परेशान हैं। बिथरी चैनपुर क्षेत्र से उम्मीदवार विधायक वीरेंद्र सिंह, मीरगंज से उम्मीदवार विधायक सुल्तान बेग और कैण्ट से राजेन्द्र गुप्ता और दूसरे उम्मीदवारों ने भीड़ की ओर इशारा करते हुए कहा कि लोग बहिन मायावती की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का मन बना चुके हैं।