आंवला (बरेली)। नगर पालिका परिषद द्वारा वसूले जा रहे पार्किंग शुल्क से अब क्षेत्र की जनता को निजात मिलने जा रही है। पहली जुलाई से यह शुल्क पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा। शनिवार को इसका ठेका निरस्त कर दिया गया। यहां बता दे कि शासन के आदेश पर पालिका की आय बढ़ाने के लिए नगर पालिका आंवला द्वारा पार्किंग शुल्क लागू किया गया था। पिछले दिनों पालिका की बोर्ड मीटिंग में उसे बरकरार रखने का प्रस्ताव भी कुछ सभासदों के विरोध के बावजूद पास हुआ था।
बता दें कि जब इसे लागू किया था तो इसका ठेका नौ माह पूर्व योगेश सक्सेना को 6 माह के लिए दिया गया। बाद में आचार संहिता का हवाला देते हुए इसकी समयावधि 3 माह और बढ़ा दी जो 30 जून को समाप्त हो रही है। अभी पिछले सप्ताह हुई पालिका बोर्ड की बैठक में इस ठेके को जारी रखते हुए एजेन्डे में प्रथम स्थान पर रखा गया। कुल 25 सभासदों के बोर्ड में 9 सभासदों द्वारा इसका विरोध किया गया। इस पर चेयरमैन संजीव सक्सेना ने इस ठेके को बोर्ड की मंजूरी बताते हुए अगले 8 माह तक जारी रखने की बात कही। साथ ही ठेके की नीलामी की तिथि 29 जून रखी गई थी। आज नीलामी होनी थी लेकिन अचानक चेयरमैन संजीव सक्सेना द्वारा इसको तत्काल निरस्त किए जाने को लेकर लेग आश्चर्य में है।
पार्किंग शुल्क का जनता ने हमेशा किया था विरोध
पार्किग शुल्क के नाम पर आने जाने वाले वाहनो से नगर पालिका क्षेत्र में घुसने वाले वाहनों से डंडाधारी लोगों द्वारा निरन्तर वसूली से जनता त्रस्त थी। इसका पालिका के कुछ सभासदों व स्थानीय नेताओं ने मुखर विरोध भी किया था। इसके बावजूद पालिका प्रशासन पर कोई खास असर नहीं हुआ। इस ठेके में कुछ सभासदो व भाजपा कार्यकर्ताओं की भी हिस्सेदारी की भी काफी चर्चाएं थीं, जबकि कुछ सभासदों ने इसका हमेशा विरोध किया था।
सिंचाई मंत्री के आदेश के बाद रद्द करनी पड़ी ठेके की नीलामी
आंवला। क्षेत्र की जनता पार्किंग शुल्क के नाम पर पिछले नौ माह से हो रही अवैध वसूली को लेकर निरन्तर जनप्रतिनिधियों से इसकी शिकायत कर रही थी। विरोधी दलों द्वारा भी इस मुद्दे पर अनेक ज्ञापन एसडीएम को सौंपे गये। क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी की छवि पर भी इसका असर पड़ रहा था। सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह के पुत्र युवा भाजपा नेता यशवंत सिंह द्वारा जनहित की इस समस्या को धर्मपाल सिंह के समक्ष रखा। इसके बाद सिंचाई मंत्री के आदेश के बाद आनन-फानन में ठेके की नीलामी रद्द की गई।
लोगों ने किया स्वागत
समाजिक कार्यकर्ता राकेश मथुरिया ने सिंचाईमंत्री को धन्यवाद देते हुए बताया कि यह एक सकारात्मक पहल है। अपनों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से यह ठेका दिया गया था। यह वसूली पूरी तरह से अवैध थी। तीन दशक पहले भी जिला परिषद द्वारा इसी प्रकार का पड़ाव शुल्क लगाया था जिसके खिलाफ हम लोग कोर्ट गए तथा हमें न्यायालय से राहत मिली। जिला प्रशासन को पड़ाव शुल्क बंद करना पड़ा।
व्यापारी नेता लव शर्मा का कहना है कि यह जनहित में लिया गया एक सकारात्मक निर्णय है। व्यापारी नेता विजय गुप्ता का कहना है कि इससे हम ट्रासंपोर्टरो को बहुत लाभ मिलेगा। हमारे जनप्रतिनिधियों ने देर से ही सही जनता की परेशानी को समझा और हल किया।
सभासद सचिन गुप्ता ने बताया कि हमारे पास निरन्तर पार्किंग शुल्क को लेकर शिकायतें आ रही थीं। जनता में सभासदों की इमेज खराब हो रही थी। हमने इसका बोर्ड की मीटिंग में विरोध किया परन्तु हमारे पक्ष में संख्या कम थी। अब यह बंद हो गया है, हम इस निर्णय का स्वागत करते है।
सभासद लालमन मौर्य का कहना है कि हमने शुरू से इस शुल्क वूसली का विरोध किया। हमारे कुछ साथी सभासद भले ही हमारे साथ नहीं थे परन्तु वह भी जानते थे कि इस प्रकार की वसूली अवैध है। हम सिंचाईमंत्री व चेयरमैन का आभार व्यक्त करते हैं।