बरेली। लोक अदालत से मुकदमों का निस्तारण होता है, साथ ही यह निस्तारण सुलह समझौते से होता है। इससे आपसी सद्भाव भी बढता है। समाज के सभी वर्गों के बुद्धिजीवी लोगों के छोटे-मोटे आपसी झगड़ी सुलह-समझौतों से हल कराने की पहल करें। यह बात इलाहाबाद हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश रणविजय सिंह ने यहां जनपद न्यायालय भवन में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत को सम्बोधित करते हुए कही। इससे पूर्व उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर लोक अदालत का शुभारम्भ किया।
उन्होंने राजनेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों, एडवोकेट, समाजसेवी, बुद्धिजीवियों आदि से अपेक्षा की कि जन मानस के आपसी झगडे आपस में मिल बैठकर हल कराने के बारे में सोचे। इससे न्यायालय में मुकदमें होना बहुत कम हो जायेंगे। पहले घरेलू विवाद घर-परिवार व रिस्तेदारों के साथ बैठकर निपटा लिये जाते थे। आज फैमिली विवाद बढ़े हैं और न्यायालय तक आ रहे हैं इस पर सोचे कि यह घर में ही हल हो और कोर्ट, कचहरी के चक्कर न लगाना पडे।
प्रशासनिक न्यायाधीश ने कहा कि ‘प्रिवेंशन इज वेटर देन क्योर’। उन्होंने कहा कि एडवोकेट इसमें बडी भूमिका निभा सकतें हैं उनके पास घरेलू छोटे-मोटे झगडे के लोग आये तो उन्हें आपस में समझा कर हल करने की सलाह देें और निपटवा सकतें हैं। प्रशासनिक कार्य पद्धति में अच्छी पारदर्शिता भी विवादों को कम करने में सहायक है। राष्ट्रीय लोक अदालत का दिन महत्वपूर्ण है। अधिक से अधिक वादों का निस्तारण कराकर इसे सफल बनाये।
जनपद न्यायाधीश राजा राम सरोज ने सभी का स्वागत किया। इस अवसर पर अध्यक्ष वार एशोसियेशन धनश्याम शर्मा ने भी विचार व्यक्त किये। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रामबाबू यादव ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी राघवेन्द्र विक्रम सिंह, नोडल अधिकारी सै0 सरवर हुसैन रिजवी, सी.जी.एम. कुसुमलता राठौर, सिविल जज सीनियर डिवीजन शक्ति सिंह, उप क्षेत्रीय प्रबन्धक, बडौदा बैंक भरत अग्रवाल, एल.डी.एम. ओ.पी. बडेरा सहित अन्य न्यायाधीशगण, प्रशासनिक अधिकारीगण, वादकारी, विभिन्न बैंकों, बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे। उद्घाटन समारोह के बाद वादो के निस्तारण की कार्यवाही शुरू हो गई। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जनपद न्यायालय के अतिरिक्त दूरस्थ न्यायालयों, बहेड़ी, आंवला, नवाबगंज, फरीदपुर व मीरगंज में भी सम्पन्न हुआ।