गरुण डिवीजन में समारोह आयोजित कर दी कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि
बरेली। कारगिल युद्ध में हुए वीरगति को प्राप्त शहीदों को नमन करने के लिए ‘कारगिल विजय दिवस’ पर बुधवार को गरूण डिवीजन में समारो आयोजित किया गया। इससे पूर्व शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को सलामी दी गयी। बता दें कि कि 18 साल पहले आज के ही दिन भारतीय सेना के जांबाजों ने पाकिस्तानी कब्जे से कारगिल को मुक्त कराया था। इस दौरान देश के 500 से ज्यादा जवान और अफसर शहीद हुए थे।
कारगिल विजय दिवस के 18वें समारोह में हवा में कलाबाजियां खाते हेलीकॉप्टरों ने लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद दूसरे राउण्ड में मैदान में तोप से फायरिंग के बीच दिखाया गया कि युद्ध की परिस्थितियों में किस तरह सेना के जवान जान पर खेलकर दुश्मन को मारते और अपने जख्मी जवानों को मदद पहुंचाते हैं।
इसके बाद गरुड़ डिवीजन और जाट रेजिमेण्ट सेण्टर के बैण्ड ने अपनी विशेष धुनों से स्वरलहरी बहायी तो लोग वाह-वाह कर उठे। विभिन्न धुनों पर झूमते सेना के जवानों का कदम से कदम मिलाते हुए डान्स ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसके बाद हुआ हॉर्स शो। इसमें हवा से बातें करते और रास्ते की वाधाओं को छलांग मारकर दूर करते सेना के घोड़ों और घुड़सवारों के करतबों ने मैदान में मौजूद हजारों स्कूल बच्चों और अन्य दर्शकों को रोमांच से भर दिया।
इस मौके पर उत्तर भारत एरिया हैडक्वाटर के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल आर.के. भारद्वाज ने कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस दौरान गरूण डिवीजन के जनरल आफिसर कमान्डिंग मेजर जनरल कवीन्द्र सिंह भी मौजूद रहे।
अंत में भूतपूर्व सैनिकों और वीर नारियों को सम्मानित कर युवा पीढ़ी के दिल में देशसभक्ति का दीप प्रज्जवलित करने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम में जाट रेजिमेंट के कमांडेंट ब्रिगेडियर आशीष नाथ झा, डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह, सिग्नल रेजीमेण्ट के कमाण्डिंग ऑफिसर कर्नल मनोज सिंह सिलोट समेत सेना के अनेक अधिकारी एवं बड़ी संख्या में जवान और उनके परिवार, हजारों स्कूली बच्चे भी उपस्थित थे।