बरेली। शहर भर की बिजली गुल करने वाले अवर अभियंताओं एवं अन्य बिजली अफसरों पर कार्रवाई कराने को आज जिले के चार विधायक डीएम से मिले। इन लोगों का कहना था कि जिस तरह छह घंटे के लिए पूरे शहर की बिजली गुल की गयी, यह सीधी-सीधी गुण्डई है। इन लोगों ने अस्पतालों तक की बिजली काट दी, इससे कई मरीजों की जान खतरे में पड गई। गनीमत रही कि बिजली गुल होने से शहर में कहीं कोई अनहोनी नहीं हुई।
बता दें कि शुक्रवार को शहर विधायक डा. अरुण कुमार से कुतुबखाना उपकेन्द्र पर विद्युत कर्मियों ने बदसुलूकी की थी। बाद में विधायक के धरने पर बैठने के बाद कार्रवाई होती देख अवर अभियंताओं ने शहर भर की बिजली गुल करके धरना शुरू कर दिया था। विधायक डा. अरुण कुमार एक कनेक्शन लगाने के लिए सुविधा शुल्क मांगे जाने की शिकायत लेकर उपकेन्द्र पहुंचे थे।
आज भाजपा विधायक बहोरनलाल मौर्य, छत्रपाल गंगवार, डा.श्याम बिहारी लाल, डा0अरूण कुमार सुबह 11 बजे जिलाधिकारी राघवेंद विक्रम सिंह से मिलने पहुंचे। जिलाधिकारी को बताया कि बिजली एक्ट के मुताबिक शेडयूल रोस्टिंग, प्राकृतिक आपदा के दौरान ही बिजली काटी जा सकती है। इसके अलावा किसी भी सूरत में बिजली सप्लाई बंद नहीं की जा सकती। इसके बावजूद बिजली कर्मियों ने दोपहर 3.20 बजे बिजली काट दी, जो रात 9.10 बजे लौटी। इससे शहर के उद्योग प्रभावित हुए। मरीजों को बेहद परेशानी उठानी पड़ी। महिलाएं व बच्चे भी परेशान रहे। ऐसे में बिजली बंद करने वालो के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
जिलाधिकारी ने उन्हें बताया कि मामले की जांच सिटी मजिस्ट्रेट यूपी सिंह को सौंपी गई है। जिन-जिन क्षेत्रों में बिजली नहीं पहुंची उसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। शाम तक पूरी रिपोर्ट मिल जाएगी, जो शासन को भेजी जायेगी। इस मामले में दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सबके खिलाफ कार्रवाई होगी। इस दौरान उमेश कठेरिया, आयुष सक्सेना, राम गोपाल मिश्रा, हर्ष अग्रवाल, देवेंन्द्र जोशी आदि मौजूद रहे।