नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रगान के संबंध में अहम निर्देश जारी किया है.कि पूरे देश के सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य होगा.और लोग खड़े होकर उसके प्रति सम्मान दर्शाएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब राष्ट्रगान बजाया जा रहा हो तब थियेटर के पर्दे पर राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) दिखाया जाए। ये भी कहा गया है कि सिनेमाघर में राष्ट्रगान और तिरंगे के सम्मान में हर व्यक्ति को खड़ा होना चाहिए।
न्यायामूर्ति दीपक मिश्रा और अमिताव रॉय की पीठ ने कहा कि यह देश के हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान दर्शाए। पीठ ने कहा कि लोगों को यह महसूस होना चाहिए कि यह मेरा देश और मेरी मातृभूमि है। पीठ ने केंद्र को निर्देश दिया कि इस आदेश को हफ्ते भर में लागू किया जाए और इस बारे में प्रमुख सचिवों के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित किया जाए।
पीठ ने कहा कि राष्ट्रगान के लिए जो नियम है उसके मूल में राष्ट्रीय पहचान, अखंडता और संवैधानिक राष्ट्रभक्ति है। उच्चतम न्यायालय की पीठ ने कहा कि कोई भी व्यक्ति राष्ट्रगान बजाने के एवज में व्यावसायिक लाभ नहीं ले और इसका नाटकीय तौर पर प्रयोग भी नहीं किया जाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि अवांछित वस्तुओं पर राष्ट्रगान ना तो मुद्रित किया जाए और ना ही किसी भी रूप में इसे उन पर दर्शाया जाए। न्यायालय ने विभिन्न कार्यक्रमों में राष्ट्रगान बजाने और इसके संक्षिप्त प्रारूप को कहीं भी बजाए जाने पर भी पाबंदी लगा दी है।
न्यायालय ने निर्देश दिया कि इस आदेश को इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में प्रचारित किया जाए और इसका पूरी तरह से पालन किया जाए।
केंद्र सरकार ने इस बात पर सहमति जताई है कि इस आशय का आदेश सभी राज्यों तक पहुंचाया जाएगा और इसके बारे में इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया में जागरुकता भी फैलाई जाएगी।