लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने अतिरिक्त सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। साप्ताहिक लॉकडाउन लागू करने तथा बरेली, वाराणसी समेत कई जिलों में विशेष सतर्कता के निर्देश देने के बाद अब सभी सरकारी और निजी कार्यालयों में कोविड हेल्थ डेस्क अनिवार्य कर दी गई है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर अधिकारियों ने गुरुवार को देर रात प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की। इसके बाद निर्देश जारी किया गया कि सरकारी और निजी कार्यालयों में कोविड हेल्पडेस्क बनाना अनिवार्य होगा। यहां पर थर्मल स्कैनर, पल्स ऑक्सीमीटर, मास्क और सैनिटाइजर रखना होगा। जो निर्देशों को नहीं मानेगा उस पर महामारी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
इन निर्देशों का पालन करना होगा
-सर्विलांस टीमों को सक्रिय किया जाएगा। अन्य रोगों से ग्रस्त लोगों की जांच कराई जाएगी।
– रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर दो घंटों के भीतर एम्बुलेंस भेजकर मरीज को भर्ती किया जाएगा।
– मरीजों की भर्ती के लिए सीएमओ विशेष टीम और एम्बुलेंस की व्यवस्था करवाएंगे।
– एडीएम सिविल सप्लाई, डीएसओ और डिप्टी आरएम रेलवे स्टेशनों की निगरानी करेंगे।
– जिन्होंने यात्रा की है उनको सख्ती से होम क्वारंटीन रहना होगा नहीं तो एफआईआर दर्ज होगी।
– निजी अस्पतालों में भी कोरोना वायरस की जांच करने वाली ट्रू नेट मशीनें लगाई जाएंगी
– सभी स्तरों के कोविड अस्पतालों में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।