नई दिल्ली। (Uttar Pradesh government responds in Supreme Court regarding Vikas Dubey encounter) उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर के बिकरू कांड के मुख्य आरोपित गैंगेस्टर विकास दुबे और उसके साथियों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने अपना विस्तृत जवाब दाखिल कर दिया है। इसमें कहा गया है कि ये सभी एनकाउंटर सही थे और इन्हें फर्जी करार नहीं दिया जा सकता है। 

सरकार ने कोर्ट में अपने जवाब में कहा कि सभी दुर्दांत अपराधी थे। इन सभी के एनकांउटर को फर्जी कहना गलत है। कानपुर के चौबेपुर में सीओ और तीन दारोगाओं सहित 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपित विकास दुबे के एनकाउंटर पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि यह मुठभेड़ फेक नहीं थी। पुलिस ने विकास दुबे समेत उसके गुर्गों को मार गिराए जाने को लेकर शुक्रवार को अपना विस्तृत जवाब दाखिल किया।

इस संबंध में दायर याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ द्वारा सुनवाई की जाएगी जिसका नेतृत्व भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे करेंगे। शीर्ष अदालत में घनश्याम उपाध्याय और अनूप प्रकाश अवस्थी नाम के दो वकीलों द्वारा दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है।

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर विकास दुबे व उसके साथियों के एनकाउंटर की अपनी निगरानी में सीबीआई से जांच कराने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा था कि वह विकास दुबे और उसके साथियों के साथ हुई मुठभेड़ों के संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में स्थिति रिपोर्ट दायर करेगी।

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह विकास दुबे और उसके साथियों के मुठभेड़ में मारे जाने और 8 पुलिसकर्मियों की हत्या की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में एक पैनल के गठन पर विचार कर सकता है। इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 20 जुलाई की तिथि निर्धारित की थी। 

गौरतलब है कि  गैंगस्टर विकास दुबे और उसके पांच साथियों की पुलिस के साथ असग-अलग मुठभेड़ों में मौत हो चुकी है।

error: Content is protected !!