नई दिल्ली। अयोध्या में राम जन्मभूमि के पास पुरातत्व विभाग की खुदाई में निकली मूर्तियों और कलाकृतियों को संरक्षित करने की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं को ऐसा करना भारी पड़ गया। अदालत ने जमकर फटकार तो लगाई ही, जुर्मान भी ठोक दिया। शीर्ष अदालत ने याचिका दायर करने वाले 2 याचिकाकर्ताओं पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही  याचिकाकर्ताओं को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसी बेकार याचिकाएं दायर नहीं करनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब पांच जजों की संविधान पीठ पहले ही अयोध्या भूमि विवाद पर फैसला दे चुकी है तो फिर ऐसी याचिका दाखिल करने का क्या औचित्य है। यह कोर्ट के फैसले को धता बताने की कोशिश है। शीर्ष अदालत ने कहा, “आप जनहित के नाम पर ऐसी बेकार याचिकाएं कैसे दायर कर सकते हैं, आप दंड के अधिकारी हैं। कोर्ट इसीलिए आप पर जुर्माना लगा रही है ताकि ऐसी गलती दोबारा ना की जाए।”

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