नई दिल्ली। दोपहिया वाहन चालकों की जान बचाने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सड़क दुर्घटनाओँ में सिर पर गंभीर चोटों की वजह से मरने वालों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने अब दोपहिया वाहन चालकों के लिए बीआईएस (BIS) स्टैंडर्ड के हेलमेट को अनिवार्य कर दिया है। यानी अब लोकल या घटिया क्वालिटी का हेलमेट पहनने पर जुर्माना भरना पड़ेगा और जेल भी हो सकती है। गौरतलब है कि लोकल घटिया हेलमेट अथवा बिना हेलमेट के चलते सड़क हादसों में रोजाना औसतन 28 दोपहिया वाहन चालकों की जान चली जाती है।

केंद्रीय परिवहन मंत्रालय जल्द ही बीआईएस मानक वाले हेलमेट पहनने, उत्पादन और बिक्री के लिए नए नियम लागू करने जा रहा है। सरकार का कहना है कि घटिया क्वालिटी के हेलमेट बेचना नकली दवाई बेचने के बराबर है। इससे लोगों की जान को खतरा लगातार बना रहता है। ऐसे में BIS कैटेगरी में हेलमेट को शामिल करके न केवल लोगों की जान बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि सुरक्षा मानकों(Safety standards) में भी सुधार होगा।

सरकार ने साफ किया है कि अगर कोई दुपहिया सवार लोकल हेलमेट पहनकर बाहर निकला तो जुर्माना लगाया जाएगा। लोकल हेलमेट के उत्पादन पर भी जुर्माना और जेल होगी। इसे लागू करने से पहले सड़क परिवहन मंत्रालय ने बीती 30 जुलाई को अधिसूचना जारी कर लोगों से आपत्ति और सुझाव मांगे हैं। सुझाव देने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है।

गैर बीआईएस हेलमेट उत्पादन पर दो लाख का जुर्माना 

गैर बीआईएस हेलमेट के उत्पादन, स्टॉक व ब्रिकी अब अपराध माना जाएगा। ऐसा करने पर कंपनी पर दो लाख रुपये का जुर्माना व सजा होगी। लोकल हेलमेट को अब निर्यात भी नहीं किया जा सकेगा। परिवहन विशेषज्ञ अनिल छिकारा का कहना है लोगों को निर्माणस्थल पर पहने जाने वाले हेलमेट (इंजीनियर-स्टाफ) और औद्योगिक हेलमेट में फर्क नहीं पता है। टोकरीनुमा हेलमेट सड़क हादसों में दोरपहिया सवार की जान नहीं बचाता है। बीएसआई लागू होने से हेलमेट के बैच, ब्रांड, बनने की तारीख आदि का उपभोक्ता को पता रहेगा।

टू व्हीलर हेल्मेट्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट और स्टीलबर्ड हेलमेट कंपनी के चेयरमैन राजीव कपूर ने सरकार के इस फैसले की तारीफ करते हुए इसे सही करार दिया है।

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