नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और मरीजों की संख्या साढ़े 18 लाख से ज्यादा हो गई है। कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे कोरोना वायरस संकट के दौरान अकेले रहने वाले सभी वरिष्ठ नागरिकों को समय पर वृद्धावस्था पेंशन, मास्क, सैनिटाइजर और आवश्यक सेवाएं प्रदान करना जारी रखें।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। इससे पहले कुमार ने कहा कि महामारी के दौरान बजुर्गो को समय पर पेंशन मिलना जरूरी है। उन्होंने शीर्ष अदालत से कहा कि करोड़ों बुजुर्ग अकेले रह रहे हैं और इस बात के लिए उचित निर्देश जारी किया जाने चाहिए कि पात्र लोगों को समय पर पेंशन मिले।

केंद्र की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता वी मोहन ने पीठ से कहा कि राज्य सरकारें इस दिशा में प्रयास कर रही हैं। मोहन ने याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए जब एक सप्ताह का समय मांगा तो कुमार ने विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जरूरत है। पीठ ने एक अन्य याचिका पर भी सुनवाई की, जिसमें कोरोना वायरस संक्रमित बुजुर्गो का उपचार बिना भेदभाव के करने का निर्देश देने की मांग की गई है। पीठ ने राज्यों को याचिका पर जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया। 

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