बरेली। “जान है तो जहान है”। सबसे जरूरी है खुद की सुरक्षा, स्वस्थ और जीवित रहे तो रक्षाबंधन आगे भी मनाते रहेंगे। भाइयों के लिए तो हर समय मंगलकामना है ही। कुछ ऐसा ही सोचकर बहनों ने इस बार पूरी सावधानी बरती। यही कारण रहा कि रक्षाबंधन पर सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा का प्रस्ताव भी उन्हें लुभा नहीं पाया।
शासन के निर्देश पर बरेली और रुहेलखंड डिपो ने हर रूट पर परिवहन निगम की बसों में बहनों को मुफ्त यात्रा की सुविधा दी थी लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के खौफ से बहनें बसों में बैठने में हिचकिचाती नजर आईं। अधिकतर बसों का स्टाफ मुसाफिरों का इंतजार करता रहा। गई। फ्री यात्रा में भीड़ का अनुमान लगाते हुए 300 बसें लगाई गई थीं पर मात्र 5 हजार महिलाओं ने ही जीरो टिकट पर सफर किया। इसके चलते बरेली और रुहेलखंड डिपो की 100 बसें खड़ी रहीं। प्रदेशसरकार ने जीरो टिकट यात्रा के लिए मास्क अनिवार्य किया था। हालांकि पुराना बस अड्डा और सेटेलाइट बस अड्डे पर कहीं भी सरकार के इस आदेश का पालन होता नहीं दिखा।कई बसों के चालक-परिचालक भी बिना मास्क लगाए दिखे।