नई दिल्ली। (Corona virus infection increased three times in youth) कोरोना वायरस संक्रमण को हल्के में लेना और लापरवाही युवाओं पर भारी पड़ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आगाह करते हुए कहा है कि कि बीते कुछ महीनों में मिलेनियल्स के बीच संक्रमण काफी तेज गति से फैला है। पिछले कुछ महीनों में संक्रमण के नए मामलों में ज्यादातर मिलेनियल्स के हैं। यानी पिछले कुछ महीनों में कोरोना वायरस का संक्रमण सबसे अधिक 15 से 24 साल के युवाओं में फैला है। 24 फरवरी से लेकर 12 जुलाई के बीच कोरोना से संक्रमित होने वाले मिलेनियल्स की संख्या करीब तीन गुना हो गई है।

WHO का कहना है कि पहले जहां मिलेनियल्स के बीच कोरोना संक्रमण का आंकड़ा 4.5 प्रतिशत था, वहीं अब यह बढ़कर 15 प्रतिशत तक हो गया है। अभी तक कम उम्र के युवाओं की संख्या में कमी का एक बड़ा कारण उनकी युवावस्था और मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी माना जा रहा था लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि इन युवाओं को कोरोना का संक्रमण होगा ही नहीं या ये कोरोना की गिरफ्त में आते ही ठीक हो जाएंगे।

जरूरी नियमों का पालन ना करने की वजह से बढ़ी मुसीबत

कोरोना वायरस संक्रमण को हल्के में ना लेने की सलाह देते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से कहा गया है कि युवा भीड़ के बहुत अधिक एक्सपोजर से बचें क्योंकि युवाओं में कोरोना संक्रमण का उछाल दुनियाभर के देशों में लॉकडाउन में ढील और बाजार खुलने के बाद आया है। साथ ही युवाओं द्वारा इस संक्रमण से बचने के लिए जरूरी नियमों का पालन ना करने की घटनाएं भी दुनियाभर में देखने को मिल रही हैं। इनमें युवाओं द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करना और मास्क पहनने में कोताही बरतना सबसे अधिक सामान्य समस्याएं हैं।

WHO की तरफ से चेतावनी जारी करते हुए कहा गया है कि दुनियाभर में मिलेनियल्स के 60 लाख रिपोर्टेड केस पिछले 5 महीनों में देखने मिले हैं। अगर हालात यही बने रहे तो युवा कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर (Second wave) की वजह बन सकते हैं। इसलिए सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की भलाई के लिए दुनियाभर के युवाओं को कोरोना संक्रमण से बचने के सभी प्रयास करने चाहिए।

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