नई दिल्ली। (What to do if the ATM transaction fails) एटीम (Automated Teller Machine or ATM) ने बैंकिंग को बेहद आसान बना दिया है। कभी बैंकों में घंटों लाइन में लगने के बाद होने वाले काम इसके जरिये कुछ ही मिनटों, यहां तक कि कई बार कुछ सेकेंड में ही हो जाते हैं। लेकिन, जैसा कि हर तरह की तकनीक के अपने लाभ और हानि हैं, वैसा ही ATM के साथ भी है। सबसे बड़ी समस्या तब आती है जब एटीएम से ट्रांजैक्शन फेल होने के बाद भी खाते से रुपये कट जाते हैं। ऐसे में कई बार ग्राहक अपने को ठगा हुआ महसूस करते हैं और उन्हें समझ नहीं आता कि अपनी इस डूबी हुई रकम को वापस कैसे पाएं। आपको बता दें कि बैंक ग्राहकों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सितंबर 2019 में कुछ नियम लागू किए थे। इनके अनुसार ATM की सुरक्षा, व्यवस्था और खाते की सिक्योरिटी से जुड़े मामलों की जिम्मेदारी बैंकों को दी गई है।

सामान्य प्रक्रिया है कि एटीएम से रुपये नहीं निकलने के बावजूद खाते से रकम की कटौती हो जाने पर ग्राहक बैंक के कस्टमर केयर (Bank customer care) से संपर्क करते हैं। बैंक आपको भरोसा देता है कि 24 घंटे के अंदर रुपये आपके खाते में आ जाएंगे। प्रायः ऐसा ही होता है  लेकिन कई बार देखा गया है कि रुपये वापस नहीं आते। ऐसा होने पर घबराएं नहीं क्योंकि RBI के नियमों के मुताबिक ट्रांजैक्शन फेल होने पर कटे हुए रुपये आपके खाते में डालने की जिम्मेदारी बैंक की है। और यदि बैंक निर्धारित समय में ऐसा करने में नाकाम रहता है तो उस पर प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना डाला जाता है।

ये हैं भारतीय रिजर्व बैंक के नियम

1. जब किसी ग्राहक का ट्रांजैक्शन फेल हो और खाते से रुपये कट जाए तो कटी रकम बैंक को तुरंत लौटानी होती है।
2. शिकायत दर्ज कराने के 7 दिनों के अंदर ग्राहक के खाते में रुपये आ जाने चाहिए। 
3. सात दिन बाद भी रुपये नहीं आए तो बैंक को रोजाना 100 रुपये के हिसाब से हर्जाना देना होगा। 
4. बैंक से पेनाल्टी पाने के लिए ग्राहक को 30 दिनों के भीतर शिकायत दर्ज करानी होगी। इसके बाद शिकायत की तो हर्जाना नहीं मिलेगा। इसके लिए ट्रांजैक्शन की पर्ची या खाते का स्टेटमेंट बैंक को देना होगा। 
5. सात दिनों के भीतर रुपये वापस नहीं आते हैं तो ग्राहक को एनेक्शर-5 (annexure-5) फॉर्म भरना होगा।
6. जिस दिन आप ये फॉर्म भरेंगे ग्राहक को हर्जाने की रकम की गणना उसी दिन से शुरू हो जाएगी, यानी अगर फॉर्म भरने के 10 दिन तक रुपये वापस नहीं आए तो 100 रुपये रोजाना के हिसाब से बैंक आपको 1000 रुपये हर्जाना देगा।

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