नई दिल्लीः नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट (बहीखाते) में आयकर के स्लैब (Income tax slab) में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यानी टैक्स स्लैब पहले की तरह जस के तस रहेंगे। वर्तमान में 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत, 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से ऊपर आय पर कर की दर 30 प्रतिशत है। साथ ही बजट भाषण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि 2 से 5 करोड़ आय पर 3 प्रतिशत सरचार्ज लगेगा। 5 करोड़ रुपये सालाना से अधिक आय वाले लोगों पर 7 प्रतिशत अतिरिक्त सरचार्ज लगेगा। यानी अब अमीरों पर और अधिक टैक्स लगेगा।
खास बातें
-खाते में 1 साल में 2 करोड़ से ज्यादा की निकासी पर 2 प्रतिशत टीडीएस कटेगा।
-45 लाख का घर खरीदने पर हाउसिंग लोन के ब्याज पर 3.5 लाख रुपये की छूट मिलेगी। पहले यह 2 लाख रुपये थी।
-देश में 400 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली कंपनियों को अब 25 प्रतिशत की दर से कॉरपोरेट कर देना होगा। इससे पहले 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों पर कम दर से कर लगाया गया था। कंपनियों की कारोबार सीमा बढ़ने से अब 99.3 प्रतिशत कंपनियां घटे हुए दर के दायरे में आ गई हैं।
2019 के अंतरिम बजट की घोषणाओं के बाद मौजूदा टैक्स स्लैब्स इस प्रकार हैं…
टैक्स रेट | सामान्य नागरिक | वरिष्ठ नागरिक (60 से 80 साल) | अति वरिष्ठ नागरिक (80 से अधिक) |
0% | ढाई लाख रुपये तक | 3 लाख रुपये तक | 5 लाख रुपये तक |
5% | 2,50,001 से 5,00,000 | 3,00,001 से 5,00,000 | शून्य |
20% | 5,00,001 से 10 लाख | 5,00,001 से 10 लाख | 5,00,001 से 10 लाख |
30% | 10 लाख से अधिक | 10 लाख से अधिक | 10 लाख से अधिक |