नई दिल्ली। एक रात की खामोशी के बाद कांग्रेस के प्याले में मंगलवार को फिर ऊफान आ गया। कांग्रेस कार्यसमिति की सोमवार को हुई मैराथन बैठक में उभर कर आयी धड़ेबाजी और असंतोष पर भले ही उस समय गांधी परिवार के प्रति वफादारी के नाम पर पर्दा डालने का प्रयास किया गया हो पर उस दौरान जो रायता फैला वह अभी भी गंधा रहा है। जाहिर है कि “असली पिक्चर” अभी बाकी है।

दरअसल, सोमवार को सोनिया गांधी का फिर से पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष चुने जाने के बाद उन्हें चिट्ठी लिखने वाले  नेताओं ने आगे की रणनीति पर बैठक की थी। इस बैठक के बाद आज मंगलवार को कपिल सिब्बल ने एक ऐसा ट्वीट किया है जिससे कयासबाजियों का दौर शुरू हो गया है। गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद समेत कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को संगठन में बदलाव के लिए एक पत्र लिखा था। इस पत्र के बाद से पार्टी में भूचाल या हुआ है। दूसरी तरफ, पार्टी में चल रही खींचतान पर निलंबित नेता संजय झा ने चुटकी लेते हुए इसे अंत की शुरुआत बता दिया है।

“पद नहीं, देश की बात”

कपिल सिब्बल के आज के ट्वीट पर कई तरह के कयासबाजियों के दौर शुरू हो गया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है, “यह किसी पद के बारे में नहीं है, यह मेरे देश के बारे में जो सबसे अहम है।”

हालांकि, सिब्बल के इस ट्वीट से यह स्पष्ट नहीं है कि उनका निशाना किसकी तरफ है लेकिन इससे बगावत की बू आ रही है। उन्होंने सोमवार को राहुल गांधी की नाराजगी वाली खबरों के बाद भी ट्वीट किया था। हालांकि उन्होंने बाद में वह ट्वीट यह कहते हुए हटा लिया था कि राहुल गांधी ने उनसे कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है।

संजय झा बोले- अंत की शुरुआत

कांग्रेस से निलंबित नेता संजय झा ने भी मंगलवार को एक चुटकी वाला ट्वीट कर कहा है, “यह अंत की शुरुआत है।” झा के इस ट्वीट को भी कांग्रेस में चल रही हलचल से जोड़कर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि सोनिया गांधी ने संजय झा को पार्टी से निलंबित कर दिया था। उन्होंने कुछ दिन पहले कहा था कि कांग्रेस के 100 से ज्यादा नेताओं ने सोनिया को चिट्ठी लिखी है। हालांकि उस समय कांग्रेस ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था।

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