फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)। फर्जी वसीयत के आधार पर करीब 3.30 करोड़ रुपये की वक्फ संपत्ति हड़पने के मामले में पूर्व सपा विधायक उर्मिला राजपूत को भू-माफिया घोषित कर दिया गया है। जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह की ओर से उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं। मोहल्ला अमीन खां के रहने वाले नाहर सिंह राजपूत ने जिलाधिकारी से नूरपुर स्थिति वफ्फ की भूमि पर अवैध कब्जे और कूटरचित दस्तावेज तैयार कर बेचने की शिकायत की थी। इस पर जिलाधिकारी ने एसडीएम सदर से मामले की जांच कराई थी। मामले की विस्तृत जांचे के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है।

मऊदरवाजा थाना क्षेत्र के मोहल्ला सर्वोदय नगर (मोहल्ला अमीन खां) निवासी नाहर सिंह राजपूत ने 2 जुलाई 2020 को शिकायत की थी कि गांव नूरपुर स्थित 3.65 एकड़ वक्फ भूमि की कूटरचित दस्तावेजों के जरिये वसीयत कराकर मोहल्ला पल्ला गल्ला मंडी निवासी पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत ने अपने नाम करा ली। जिलाधिकारी के आदेश पर एसडीएम सदर अनिल कुमार ने जांच की।

एसडीएम ने जांच रिपोर्ट में कहा कि शमसाबाद कस्बा निवासी सै.मोहम्मद मेंहदी अली खां ने इस भूमि का वक्फनामा किया था। उन्होंने सै. हैदर सुल्तान को मुतवल्ली बनाया। उनके बाद छोटे पुत्र सै.सफदर सुलतान को मुतवल्ली का हकदार बनाया। चकबंदी के दौरान अभिलेखों में हेराफेरी कर वक्फ का नाम हटाकर भूमि नवाब सै. सफदर अली के नाम दर्ज कर दी गई। 

तहसीलदार सदर ने 4 जून 1991 को अपंजीकृत वसीयत के आधार पर विवादित भूमि सै. सफदर सुल्तान के नाम से खारिज कर अजादार जैदी पुत्र जाकिर हुसैन निवासी चीनीग्रान के नाम दर्ज कर दी। इसके बाद तहसीलदार सदर ने 2 अगस्त 2004 को अपंजीकृत वसीयत के आधार पर यह भूमि पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत पत्नी रामकृष्ण राजपूत निवासी गल्लामंडी के पक्ष में दर्ज कर दी।   अजादार जैदी की मृत्यु 7 अप्रैल 2004 को हुई थी जबकि वसीयत 6 अप्रैल को लिखी गयी जो न्याय की दृष्टि से उचित नहीं था । जिलाधिकारी ने 3 करोड़ 30 लाख 31 हजार रुपये की वक्फ भूमि अपने नाम दर्ज कराने पर पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत पत्नी रामकृष्ण राजपूत को भू-माफिया घोषित किया है।

वृहद जांच के लिए समिति गठित

उर्मिला राजपूत के खिलाफ जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि इसी वक्फ संपत्ति की कुछ अन्य भूमि भी कूटरचित अभिलेखों के आधार पर खुर्दबुर्द की गई है। मामले की विस्तृत जांच के लिए अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति में एसडीएम सदर और एसडीएम कायमगंज को शामिल किया गया है। समिति को एक महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

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