रामपुर। जौहर विश्वविद्यालय की जमीनों को लेकर कई मुकदमों की मार झेल रहे सपा के कद्दावर नेता व सांसद आजम खान पर कानून का शिकंजा शुक्रवार को कुछ और कस गया। इन जमीनों से जुड़े 28 मुकदमों में एसआईटी ने जांच पूरी कर आजम खान समेत 13 लोगों को खिलाफ आरोप-पत्र (charge sheet) अदालत में दाखिल कर दिया है।
जिन लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया गया है, उनमें आजम खान की विधायक पत्नी डॉ तजीन फातिमा, चमरौआ से सपा विधायक नसीर अहमद खान, आजम खान के दोनों बेटे अदीब और अब्दुल्ला, आजम खान की बहन और जौहर ट्रस्ट के सदस्य एवं पदाधिकारियों शामिल हैं।
जौहर विश्वविद्यालय आजम खान का ड्रीम प्रोजेक्ट था। उत्तर प्रदेश में सरकार के समय जब आजम खान बेहद ताकतवर कैबिनेट मंत्री थे, इसकी योजना परवान चढ़ी। इसके लिए किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया था। हालांकि, उस समय दावा किया गया था कि किसानों से जमीनें खरीदी गई हैं लेकिन पिछले साल जुलाई में 26 किसानों ने मुकदमे दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि सपा शासनकाल में उनकी जमीनें जबरन विश्वविद्यालय में मिला ली गईं। प्रशासन ने भी एक मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद आजम खान को भू-माफिया घोषित कर दिया गया।
इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी। चूंकि इस विश्वविद्यालय को मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट संचालित करता है, लिहाजा ट्रस्ट के नाम ही सारी जमीनें हैं। आजम खान इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और उनकी पत्नी डॉ तजीन फातिमा सचिव। उनके दोनों बेटे अदीब और अब्दुल्ला आजम इस ट्रस्ट के सदस्य हैं जबकि निकहत अफलाक कोषाध्यक्ष हैं।
एसआईटी की जांच-पड़ताल में पाया गया कि जमीनें ट्रस्ट के नाम हैं, इसलिए ट्रस्ट के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए पुलिस ने इन सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इसके अलावा जौहर विश्वविद्यालय के लिए शत्रु संपत्ति कब्जाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कराने के आरोप में शहर कोतवाली में दर्ज मुकदमे में आजम खान और उनके तीन अन्य करीबियों को चार्जशीट किया गया है।
पुलिस अधीक्षक शगुन गौतम ने इस बात की पुष्टि की कि जौहर विश्वविद्यालय जमीन प्रकरण से जुड़े 27 व एक अन्य मुकदमे में आजम खान और उनके करीबियों समेत 13 आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है।