मेरठ। अयोध्या में रामलला के जन्मस्थान पर मंदिर का शिलान्यास होने के बाद फर्जीवाड़ा करने वाले सक्रिय हो गए हैं जो मंदिर निर्माण के नाम पर लोगों से चंदा वसूल रहे हैं। फर्जी पर्चियां काट रहे ऐसे ही एक व्यक्ति को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के सदस्यों ने पकड़ लिया। उसने जागृति विहार में विहिप के नाम से कार्यालय भी बना रखा था। आसपास के क्षेत्र के अलावा गांवों में भी उसने बड़ी संख्या में पर्ची काटी हैं। मेडिकल थाना पुलिस धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। उसके अन्य साथियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। श्रीराम तीर्थ ट्रस्ट-मेरठ के नाम पर यह धोखधड़ी की जा रही थी।

विहिप के महानगर संयोजक अर्जुन राठी ने बताया कि राम मंदिर के नाम पर चंदा वसूले जाने का जानकारी मिली थी। इस पर खोजबीन की गई तो पता चला कि मुजफ्फरनगर के कुशावली गांव निवासी नरेंद्र राणा ने जागृति विहार में विहिप के नाम से फर्जी कार्यालय खोल रखा था। उसके साथ श्यामनगर निवासी समीर ताज और ब्रह्मपुरी निवासी अनुज माहेश्वरी भी काम करते हैं। गुरुवार को इन लोगों ने जिटौली गांव के चामुंडेश्वर महादेव शिव मंदिर से एनाउंसमेंट कराया था जिसमें शुक्रवार को श्रीराम मंदिर के नाम पर पर्ची काटे जाने की जानकारी दी गई थी। इसके बाद पुजारी ने उनसे संपर्क किया तो राम के नाम पर की रही धोखाधड़ी का भांडा फूट गया।

अर्जुन राठी ने बताया कि शुक्रवार को वह विहिप के अन्य सदस्यों के साथ जागृति विहार स्थित नरेंद्र राणा के कार्यालय पहुंचे और उसे पकड़ कर मेडिकल कॉलेज थाना पुलिस को सौंप दिया। सीओ सिविल लाइन पूनम सिरोही ने बताया कि आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। उसके अन्य साथियों की भी तलाश की जा रही है।

जांच में पता चला है कि नरेंद्र राणा काफी समय से राम मंदिर निर्माण के नाम पर चंदे की पर्ची काट रहा है। सबसे कम 100 रुपये की रसीद दी जाती थी।

विहिप के महानगर प्रार प्रमुख मधुबन आर्य का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर के नाम पर इस तरह चंदा वसूली का कोई आदेश विश्व हिंदू परिषद की ओर से नहीं दिया गया है। यह मामला ठगी का है।

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