नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर केंद्र और कुछ राज्यों में टकराव के बीच नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को घोषणा की कि राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति की पूरी रकम का भुगतान किया जाएगा। जीएसटी क्षतिपूर्ति की कुल बकाया राशि में से 97,000 करोड़ रुपये तत्काल जारी किए जाएंगे और शेष राशि का भुगतान आने वाले समय में किया जाएगा।

गौरतलब है कि राज्यों को बकाया जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि के भुगतान का मुद्दा गैर-भाजपा राज्य सरकारों द्वारा लगातार उठाया जा रहा था। जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक के बाद इस मुद्दे ने जोर पकड़ा था।

एक उच्च सरकारी अधिकारी ने बताया, “केंद्र सरकार जीएसटी क्षतिपूर्ति की पूरी रकम का भुगतान राज्यों को करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि जब तक जीएसटी एक्ट 2017 के अंतर्गत राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि देने के नियम का पालन किया जाएगा।”

वित्त मंत्रालय के सूत्र ने बताया कि जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर से मिलने वाला राजस्व राज्यों को प्रदान किया जाता है। ऐसे में केंद्र सरकार इस कर की गारंटी के बदले कर्ज नहीं ले सकती है, क्योंकि यह उसका नहीं है। सूत्र ने कहा, “भारत के संविधान के अनुच्छेद 292 के अनुसार, केन्द्र सरकार भारत की संचित निधि के तहत अपने संसाधनों और करों की गारंटी पर ही उधार ले सकती है। केंद्र सरकार ऐसे कर की गारंटी के बदल उधार नहीं ले सकती, जो उसका है ही नहीं।”

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले महीने जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई के लिए राज्यों के सामने दो विकल्प रखे थे। पहले विकल्प के अनुसार, राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के 97,000 करोड़ रुपये भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाले विशेष खिड़की सुविधा से उधार लेने थे और दूसरा विकल्प राज्यों द्वारा 2.35 लाख करोड़ रुपये की पूरी राशि बाजार से जुटाने का था।

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