लखनऊ। शासन ने सभी सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के आरक्षण को लागू करने के निर्देश दिए हैं। सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को निर्देश दिया गया है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम-2020 का अनुपालन किया जाए। इस अधिनियम में लोक सेवाओं और पदों में सीधी भर्ती में 10 प्रतिशत रिक्तियां आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित किए जाने का प्रावधान है।
अपर मुख्य सचिव कार्मिक मुकुल सिंहल ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम-2020 का अनुपालन सुनिश्चित करने संबंधी पत्र जारी किया। पत्र के साथ प्रदेश सरकार द्वारा 31 अगस्त 2020 को किए गए सरकारी गजट भी किया है। गजट में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आरक्षण दिए जाने के दिशा-निर्देश विस्तार से दिए गए हैं।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने सिविल पदों और सेवाओं में आर्थिक रूप से कमोजर वर्गों के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था 19 जनवरी 2019 को कर दी थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के लिए कानून बनाने का फैसला किया था। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) विधेयक-2020 अस्तित्व में आया।