लखनऊ। (Scam in purchase of oximeter and infrared thermometer) आपदा को अपनी जेब भरने के अवसर में बदलने वाले सरकारी अधिकारियों की करतूत की विशेष जांच दल (एसआईटी) जांच करेगा। कोरोना वायरस महामारी के दौरान जब आम लोग गरीबों और मजदूरों की मदद कर रहे थे, ऐसे दौर में सुल्तानपुर, बिजनौर और गाजीपुर समेत कई जनपदों में कुछ अधिकारी सरकारी खजाने को लूटकर अपनी तिजोरी भर रहे थे। इन लोगों ने पल्स ऑक्सीमीटर और इन्फ्रारेड थर्मामीटर को बाजार भाव से कई गुना कीमत पर खरीद कर सरकारी खजाने को क्षति पहुंचाई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुल्तानपुर, बिजनौर, गाजीपुर सहित कुछ अन्य जनपदों की ग्राम पंचायतों में पल्स ऑक्सीमीटर एवं इन्फ्रारेड थर्मामीटर के बाजार मूल्य से अधिक दर पर खरीदने के प्रकरण को अत्यंत गंभीरता से लिया है। कोरोना संक्रमण काल में भी भ्रष्टाचार करने वालों की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव राजस्व की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया गया है। इस एसआईटी में सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग अमित गुप्ता तथा सचिव नगर विकास व एमडी जल निगम विकास गोठलवाल को सदस्य नामित किया गया है।एसआइटी को 10 दिन में घोटाले की जांच करने का निर्देश दिया गया है।
ये है मामला
कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में पल्स ऑक्सीमीटर, इन्फ्रारेड थर्मामीटर व सेनेटाइजर का सेट राज्य वित्त आयोग की धनराशि से क्रय किए जाने के निर्देश शासनादेश संख्या 1596/33-3-2020-114/2012 दिनांक 23 जून, 2020 के माध्यम से निर्गत किए गए थे। सुल्तानपुर और गाजीपुर के साथ कुछ अन्य जनपदों में ग्राम पंचायतों में बाजार मूल्य से अधिक उपकरणों को क्रय करने की जानकारी शासन को प्राप्त हुई थी।