आंवला (बरेली)। आंवला की नलकूप कॉलोनी के समीप गत सप्ताह एक युवक की मौत के मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली का मामला पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) तक पहुंच गया है। पुलिस के रवैये से खिन्न सफाईकर्मियों का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय वाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव वाल्मीकि के नेतृत्व में डीआईजी पुलिस से मिला। उनके साथ आंवला से विधायक धर्मपाल सिंह भी थे।
डीआईजी को सौंपे ज्ञापन में मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग करते हुए आंवला पुलिस पर इस मामले में निर्दोषों को फंसाने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा कि गत 4 सितंबर को नलकूप कालोनी में वासित नाम का एक व्यक्ति चोरी करते हुए पकडा गया था जिसे 112 नंबर पर फोन करने के बाद पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस ने वासित का मेडिकल नहीं कराया। सिंचाई विभाग के जेई की तहरीर पर उसके खिलाफ मुकदमा भी पंजीकृत नहीं किया गया। कुछ घंटों बाद ही वासित की मौत हो गई। इस पर पूर्व चेयरमैन ने चुनावी रंजिश के चलते वासित के घर वालों को गुमराह करके 10 लोगों के खिलाफ तहरीर दिलवा दी जिसमें कई निर्दोषों के नाम है। पुलिस ने इस तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया। पुलिस की इस कार्यवाही से वाल्मीकि समाज में रोष है। मांग की गई है कि इस घटना की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच कराई जाए।
इस दौरान पालिका चेयरमैन संजीव सक्सेना, आशु सिंह एडवोकेट, अरविंद भारती, देवदास चौहान,विपिन कुमार आदि मौजूद रहे।
सुखदेव ने बताया कि डीआईजी ने निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया है लेकिन जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक आंवला पालिका परिषद के सफाई कर्मचारी कार्य से विरत रहेगें।
स्टेट बैंक व थाने के सामने लगाए कूडे के ढेर
राष्ट्रीय वाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा के आह्वान पर सफाई कर्मचारियों ने मांग पूरी न होने तक (अनिश्चितकाल के लिए) सफाई कार्य से विरत रहने का निर्णय किया है। इसी क्रम में शनिवार को तड़के थाना गेट और स्टेट बैंक के सामने कूढ़े और मैले का ढेर लगा दिया गया जिसे बाद में पुलिस ने साफ करा दिया। शनिवार को नगर में जगह-जगह कूढे के ढेर लगे रहे। शाम होने तक सड़कें गंदगी से पट गईं। इस कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है।