नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली दंगों के 15 आरोपितों के खिलाफ बुधवार को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA), आईपीसी और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत कड़कड़डूमा अदालत में 17,500  पन्नों की एक और चार्जशीट दाखिल कर दी है। पुलिस की ओर से फाइल चार्जशीट में उमर खालिद और शरजील इमाम का नाम नहीं है। इन्हें कुछ दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया था और इनका नाम सप्लीमेंट्री चार्जशीट मे होने की संभावना है।

पुलिस की स्पेशल सेल की टीम अपने दफ्तर से दंगों की साजिश की चार्जशीट से भरे बक्से लेकर 2 गाड़ियों में निकली थी। साथ में डीसीपी कुशवाहा भी मौजूद थे। पुलिस द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक 15 आरोपितों में से एक आरोपी सफूरा जरगर जमानत पर है। चार्जशीट में 745 गवाह हैं.

चार्जशीट में सबूत के तौर पर तकनीकी सबूत, सीडीआर और वॉट्सएप चैट हैं। हालांकि यूएपीए (UAPA) लगाने के लिए सरकार से अनुमति मिल गई है। पुलिस ने यह भी कहा कि हमने जो भी सेक्शन लगाए, सबूतों के आधार पर लगाये हैं। जो रिकवरी हुई है उसको भी सबूत के तौर पर ले रहे हैं। फिलहाल अभी जांच जारी है। बाद में सप्लिमेंट्री चार्जेशीट दायर की जाएगी।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने सोमवार को कहा था कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे की साजिश की जांच पूरी होने के करीब है और इस सिलसिले में गुरुवार, 17 सितंबर तक चार्जशीट फाइल कर दी जाएगी। श्रीवास्तव ने यह भी कहा था कि दिल्ली पुलिस जिन लोगों की जांच कर रही है, उनमें कुछ की काफी अच्छी सोशल मीडिया मौजूदगी है। उन्होंने कहा कि हम जांच के आखिरी छोर पर पहुंच रहे हैं, उमर खालिद भी गिरफ्तार किया जा चुका है

दंगों में 53 लोगों की हुई थी मौत

नागरिकता कानून के पक्ष और विरोध के मद्देनजर इस साल बीती 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में साम्प्रदायिक दंगे भड़क गए थे। इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही सरकारी और निजी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों तथा पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। इस दौरान राजस्थान के सीकर के रहने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की 24 फरवरी को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी तथा डीसीपी और एसीपी सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल गए थे। साथ ही आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद उनकी लाश नाले में फेंक दी गई थी।

error: Content is protected !!