नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के शुरुआती दौर में दिल्ली स्थित तब्लीगी जमात के मरकज में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित लोग पाए गए थे। इसके बाद देश में कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़े। गृह मंत्रालय ने सोमवार को राज्यसभा में बहस के दौरान कहा कि तब्लीगी जमात के आयोजन से देश में “कई लोगों” तक कोरोना वायरस फैला है।

शिवसेना सांसद अनिल देसाई की ओर से सवाल पूछा गया था कि क्या तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल लोगों की वजह से दिल्ली और अन्य राज्यों में कोरोना वायरस फैला है। गृह मंत्रालय ने इसी सवाल का जवाब दिया है।  

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि दिल्ली पुलिस ने तब्लीगी जमात के 233 सदस्यों को गिरफ्तार किया और 29 मार्च से संगठन के मुख्यालय से 2,361 लोगों को निकाला गया। हालांकि, तब्लीगी जमात प्रमुख मौलाना मोहम्मद साद के बारे में जांच चल रही है। उन्होंने कहा, “जैसा कि दिल्ली पुलिस ने बताया कि COVID-19 महामारी के मद्देनजर विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा आदेश/निर्देश जारी करने के बावजूद बिना मास्क, सैनिटाइजर और सामाजिक दूरी का पालन किए भीड़ लंबी अवधि के लिए बंद परिसर में इकट्ठा हुई। इसके कारण कई व्यक्तियों में कोरोना का संक्रमण फैल गया।” 

मौलाना साद पर दर्ज है मामला

कोरोना वायरस  की रोकथाम के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन का उल्लंघन करने की साजिश के लिए मरकज के प्रमुख मौलाना साद पर मोटी रकम के हेरफेर का मामला दर्ज है। इस मामले में मौलाना साद और उसके साथियों पर जानबूझकर साजिश के तहत महामारी को फैलाने और संभावित सामूहिक हत्या के प्रयासों के धाराओं के तहत भी मामले दर्ज किए गए हैं।

गौरतलब है कि तब्लीगी जमात के देश-विदेश से आए कम से कम 9 हजार  लोगों ने लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में गुपचुप तरीके से बड़ा जलसा किया था। इन लोगों के जरिये ही दिल्ली और आसपास के राज्यों में कोरोना तेजी से फैला था जिसके चलते सरकार और प्रशासन को ढूंढ-ढूंढकर करीब साढ़े 25 हजार संक्रमित जमातियों को जबरन क्वारंटाइन कराना पड़ा था।

दिल्ली पुलिस ने 36 देशों के 956 विदेशी नागरिकों के खिलाफ अब तक 59 आरोपपत्र दायर किए हैं। केंद्र सरकार ने जमात में हिस्सा लेने आए विदेशी नागरिकों का वीजा रद्द कर दिया है और उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया है।

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