नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कृषि विधेयकों को लेकर किसानों के एक बड़े वर्ग में उमड़ रही शंकाओं का समाधान करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, “मैं देश के प्रत्येक किसान को इस बात का भरोसा देता हूं कि न्यूनतन समर्थन मूल्य (एमएसपी, MSP) की व्यवस्था जैसे पहले चली आ रही थी, वैसे ही चलती रहेगी। सरकारी खरीद भी जारी रहेगी और मंडियां भी खत्म नहीं होंगी। इस साल रबी में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन को मिलाकर, किसानों को 1 लाख 13 हजार करोड़ रुपये एमएसपी पर दिया गया है। ये राशि भी पिछले साल के मुकाबले 30% से ज्यादा है।”
उन्होंने कहा कि अब देश के किसान बड़े-बड़े स्टोर हाउस और कोल्ड स्टोरेज में अपनी उपज का आसानी से भंडारण कर पाएंगे। जब भंडारण से जुड़ी कानूनी दिक्कतें दूर होंगी तो हमारे देश में कोल्ड स्टोरेज का भी नेटवर्क और विकसित होगा, उसका और विस्तार होगा। उन्होंने कहा कि कृषि मंडियों के कार्यालयों को ठीक करने के लिए, वहां का कंप्यूटराइजेशन कराने के लिए, पिछले 5-6 साल से देश में बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। इसलिए जो ये कहता है कि नए कृषि सुधारों के बाद कृषि मंडियां समाप्त हो जाएंगी, तो वह किसानों से सरासर झूठ बोल रहा है। उन्होंने कहा, “मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ये कानून, ये बदलाव कृषि मंडियों के खिलाफ नहीं हैं। कृषि मंडियों में जैसे काम पहले होता था, वैसे ही अब भी होगा। बल्कि ये हमारी ही एनडीए सरकार है जिसने देश की कृषि मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए निरंतर काम किया है।”
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर बिहार को बड़ी सौगात दी। उन्होंने 14,258 करोड़ रुपए की 9 राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास और 45,945 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सेवाओं से जोड़ने के लिए “घर तक फाइबर” कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद उन्होंने कृषि विधेयकों पर अपनी बात रखी।