नई दिल्ली। संसद में पारित दो कृषि विधेयकों के विरोध में देशव्यापी आंदोलन को व्यापक समर्थन मिल रहा है। दस केंद्रीय व्यापार संघों ने किसानों और खेतिहर मजदूरों द्वारा 25 सितंबर को किये जाने वाली राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है। साथ ही मांग की है कि भाजपा सरकार को कृषि विरोधी कदमों को रोकना चाहिए।

केंद्रीय व्यापार संघ ने एक संयुक्त बयान में कहा, “केंद्रीय व्यापार संघ और क्षेत्रीय संघ के संयुक्त मंच ने किसानों और कृषि श्रमिकों के संयुक्त प्लेटफॉर्म की इस पहल के लिए अपने सतत समर्थन की घोषणा की है। ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति ने 25 सितंबर 2020 को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन आयोजित किया है।”

संयुक्त बयान में आगे कहा गया, “विनाशकारी बिजली संशोधन विधेयक 2020 के विरोध में भी हम  उनके साथ हैं।” इन 10 व्यापार संघ में NTUC, AITUC, HMS, CITU, AIUTUC, TUCC, SEWA, AICCTU, LPF और UTUC शामिल हैं।

गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा कृषि में सबसे बड़े सुधार के रूप में करार दिए गए दो प्रमुख कृषि विधेयकों को रविवार को राज्यसभा ने ध्वनि मत से पारित किया था। कृषक उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और कृषक (सशक्‍तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्‍वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 पहले ही लोकसभा द्वारा पारित हो चुके हैं और अब इन्हें राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। इसके बाद ये कानून के रूप में अधिसूचित होंगे।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारतीय कृषि के इतिहास में एक “ऐतिहासिक क्षण” करार दिया है। उन्होंने कहा कि ये बिल कृषि क्षेत्र में एक पूर्ण परिवर्तन सुनिश्चित करेंगे और किसानों की आय को दोगुना करने के प्रयासों में तेजी लाएंगे।

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