नवाबगंज (बरेली)। दुराचार के आरोपित व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह एक विद्यालय में चपरासी था। पत्नी ने उसके भाई समेत दो लोगों पर मुकदमे में समझौता कराने के नाम पर ढाई लाख रुपये मांगने और धमकाने का आरोप लगाया है।
भुता थाना क्षेत्र के विशेसरपुर गांव का रहने वाला देवराज (37 वर्ष) अमशाह गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में चपरासी था। वह पत्नी और बच्चों के साथ नगर के आदर्श नगर में किराए के मकान में रहता था। वर्ष 2017 में एक महिला ने उस पर भुता में दुराचार का मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें उसे जेल जाना पड़ा था।
उसकी पत्नी मीना देवी का आरोप है कि अदालत से जमानत पर छूटने के बाद उसका जेठ राजू और रघुनाथपुर गांव का कालीचरन उसके पति से मुकदमे में सजा से बचाने के नाम पर ढाई लाख रुपये की मांग कर रहे थे। इसको लेकर वे उसके पति को धमकाने के साथ ही तरह-तरह से प्रताड़ित करते थे। बीते बुधवार (23 सितंबर) को भी ये लोग उसके पति के विद्यालय पहुंचे और रुपये देने का दबाव बनाया। विद्यालय के शिक्षकों ने पुलिस बुलाने की धमकी दी तो वे वापस चले गए।
मीन देवी ने बताया कि शुक्रवार शाम उसका पति सामान लेने के लिए बाजार गया तो रास्ते में ये दोनों मिल गए। यहां भी राजू और कालीचरण ने उसके पति को शनिवार तक रुपये देने की मोहलत देकर धमकाया। इससे परेशान होकर उसने शुक्रवार की रात ही अपने कमरे में दुपट्टे का फंदा लगा फांसी लगा ली। शनिवार सुबह वह उसे जगाने गयी तो घटना की जानकारी हुई। घटना की सूचना पर पलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) और कोतवाल दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। कोतवाल सुरेन्द्र सिंह पचौरी ने बताया कि देवराज की पत्नी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दोनों आरोपितों की तलाश की जा रही है।