लखनऊ। (Ayodhya Controversial Structure Demolition Case)अयोध्या के विवादित ढांचा ध्वंस मामले में 28 साल के लंबे इंतजार के बाद बुधवार, 30 सितंबर 2020 यानी कल अदालत का फैसला आएगा। सीबीआइ अदालत ने फैसला सुनाते समय सभी आरोपितों को उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। हालांकि,श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास अस्वस्थता के चलते फैसले के दौरान सीबीआई की विशेष अदालत में उपस्थित नहीं रहेंगे।
इसमें बहुचर्चित मामले (केस संख्या 198) में भाजपा के संस्थापक सदस्य लालकृष्ण आडवाणी और डॉ. मुरली मनोहर जोशी, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती समेत कुल 32 आरोपित हैं जबकि 17 आरोपितों की मौत हो चुकी है।
इस मामले की लगातार सुनवाई के दौरान 351 गवाह और 600 दस्तावेज पेश किए गए। सीबीआई की विशेष अदालत ने लगातार सुनवाई के बाद बीते 1 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था और 2 सितंबर से फैसला लिखना शुरू किया था।
अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को घटी इस घटना के बाद कई आरोपित केस का फैसला सुनने के लिए जीवित नहीं हैं। इसके आरोपपत्र में शामिल 49 आरोपितों में से 17 की मौत हो चुकी है। केस में आरोपितों और सीबीआइ ने कई बार हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अंतत: सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को विचारण अदालत के लिए मुकदमा पूरा करने के लिए समय सीमा तय की और अब फैसला होने की नौबत आई है।
कुल 49 एफआईआर दर्ज हुई थीं
6 दिंसबर 1992 को विवादित ढांचा ढहाने के मामले में कुल 49 एफआईआर दर्ज हुई थीं। एक एफआईआर फैजाबाद के थाना राम जन्मभूमि में तत्कालीन एसओ प्रियवंदा नाथ शुक्ला जबकि दूसरी एसआई गंगा प्रसाद तिवारी ने दर्ज कराई थी। शेष 47 एफआईआर अलग-अलग तारीखों पर अलग-अलग पत्रकारों एवं फोटोग्राफरों ने दर्ज कराई।
ये हैं आरोपित
लालकुष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डा. राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश शर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दुबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण शरण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, रामचंद्र खत्री, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमर नाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, महाराज स्वामी साक्षी, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धमेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ और धर्मेंद्र सिंह गुर्जर।
इन आरोपितों की हो चुकी मौत
अशोक सिंघल, बालासाहेब ठाकरे, विजय राजे सिंधिया, महंत अवेद्यनाथ, परंमहंस दास चंद्रदास, गिरिराज किशोर, विष्णुहरि डालमिया,मोरेश्वर सावे, विनोद कुमार वत्स, राम नारायण दास, डीबी दास, लक्ष्मीनारायण दास, रमेश प्रताप सिंह, हरगोविंद सिंह, बैकुंठलाल शर्मा, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज एवं डॉ. सतीश नागर।
ढांचा विध्वंस मामला सीबीआइ के विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव का आखिरी फैसला होगा। बतौर अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष जज अयोध्या उन्होंने 25 अगस्त 2015 को इस मामले की सुनवाई पशुरू की थी। इस बीच वह 25 नवंबर 2018 को वह जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर प्रोन्नत हो गए। फिर भी सुप्रीम कोर्ट के 19 अप्रैल 2017 के आदेश के चलते वह इस ममले की सुनवाई करते रहे। एसके यादव 30 सितंबर 2019 को सेवानिवृत्त हो गए लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य आदेश के चलते वह मामले को सुनते रहे।