नई दिल्ली। आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को दुनियाभर में कूटनीतिक स्तर पर अलग-थलग करने के बाद अब भारत ने उसे बड़ी आर्थिक चोट पहुंचाने के लिए भी घेराबंदी तेज कर दी है। इसी कड़ी में पाकिस्तान से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर 200 प्रतिशत शुल्क लगाने का प्रस्ताव सोमवार को राज्यसभा में पास हो गया।

राज्यसभा ने मसूर, बोरिक एसिड तथा डायग्नॉस्टिक एवं लेबोरेटरी रीजेंट्स पर भी बेसिक सीमाशुल्क (बीसीडी) बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव में मसूर पर बीसीडी 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांग की गई थी। बोरिक एसिड पर सीमाशुल्क 17.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 27.5 प्रतिशत हो जाएगा जबकि डॉयग्नॉस्टिक मदों में शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो जाएगा।

वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने दोनों वैधानिक प्रस्ताव पेश किए जिन्हें ध्वनिमत से स्वीकार किया गया। पहले प्रस्ताव में सीमाशुल्क अधिनियम 1975 की पहली अनुसूची के अध्याय 98 के तहत नए शुल्क मद शामिल करने के लिए फरवरी 2019 में जारी अधिसूचना को मंजूरी प्रदान करने की मांग की गई। इसके तहत पाकिस्तान से आयातित सभी वस्तुओं पर सीमाशुल्क बढ़ाकर 200 प्रतिशत करने का जिक्र है।

भारत के सख्त इस कदम से कंगाली से गुजर रहे और कर्जे में डूबे पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था को बड़ा झटका लग सकता है। भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 2012 के आंकड़े के मुताबिक़, करीब 2.60 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है। ऐसे में पाकिस्तान को भारत के साथ कारोबारी लिहाज से बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।

दोनों देशों के बीच इन चीजों का है बड़ा कारोबार

सीमेंट, चीनी, रुई, सब्जियां, ऑर्गेनिक केमिकल, चुनिंदा फल, ड्राई फ्रूट्स, मिनरल ऑयल, स्टील आदि।

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