नई दिल्ली। (School Reopening Guidelines 2020) केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा स्कूलों के फिर से खोले जाने को लेकर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) और दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा सोमवार सायं दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार स्कूलों के फिर से खोले जाने के कम से कम दो से तीन सप्ताह के भीतर कोई भी एसेसमेंट टेस्ट नहीं लिया जाएगा और ऑनलाइन लर्निंग जारी रहेगी, जिसे प्रोत्साहित किया जाता रहेगा। छात्र-छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक सुरक्षा पर भी ध्यान देना होगा। कैम्पस में इमरजेंसी केयर टीम बनानी होगी। अभिभावकों की सहमति से ही बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा।
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा हाल ही में 30 सितंबर को अनलॉक 5 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप स्कूलों को फिर से खोले जाने के सम्बन्ध में एसओपी/गाइडलाइंस तैयार किये हैं। अनलॉक 5 के दिशा-निर्देशों में स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को 15 अक्टूबर 2020 के बाद से खोले जाने की छूट दी गई है। हालांकि, इस संबंध में अंतिम निर्णय संबंधित राज्यों की सरकार द्वारा लिया जाना है।
शिक्षा मंत्री ने कहा है कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा तैयार और हाल ही में जारी किये गए वैकल्पिक एकेडेमिक कैलेंडर को लागू किया जा सकता है। स्कूलों में मिड-डे मील और तैयार करते और परोसे जाते समय सावधानी रखी जानी चाहिए।
स्कूल रिओपेनिंग गाइडलाइंस 2020 की मुख्य बातें
- स्कूल खुलने के दो-तीन सप्ताह तक एसेसमेंट टेस्ट नही लेना होगा।
- एनसीईआरटी द्वारा तैयार वैकल्पिक एकेडेमिक कैलेंडर को लागू किया जा सकता है।
- मिड-डे मील तैयार करते और परोसे जाते समय सावधानी रखनी होगी।
- स्कूल परिसर में किचन, कैंटीन, वाशरूम, लैब, लाइब्रेरी, आदि समेत सभी स्थानों पर साफ-सफाई और कीटाणुरहित करते रहने की व्यवस्था करनी होगी।
- छात्र-छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक सुरक्षा पर ध्यान देना होगा।
- अभिभावकों की सहमति से ही बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा।
- किसी बच्चे को जबरदस्ती स्कूल नहीं बुलाया जाएगा। बच्चे को सुरक्षा उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी स्कूल की होगी।
- इनडोर स्पेस में ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि एयर फ्लो बना रहे।
- इमरजेंसी केयर सपोर्ट/रेस्पॉन्स टीम, जनरल सपोर्ट टीम, कमोडिटी सपोर्ट टीम, हाइजीन इन्सपेक्शन जैसे कामों के लिए जिम्मेदारियां तय कर टास्क टीम बनानी होंगी।
- स्कूल में विभिन्न स्थानों पर सामाजिक दूरी और अन्य जरूरी नियमों को बताने वाले बोर्ड या सूचना पट्ट लगाने होंगे।
- सभी छात्र-छात्राएं और स्टाफ फेस कवर या मास्क लगाकर ही स्कूल आएंगे और पूरे समय के दौरान इसे पहने रहेंगे, विशेषतौर पर कक्षाओं के दौरान या सामूहिक कार्यों या मेस में खाने या लैब में परीक्षण करने के दौरान।
- केंद्र सरकार और सम्बन्धित राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों के मुताबिक स्कूल स्वयं भी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) बना सकते हैं। इसमें सामाजिक दूरी और सुरक्षा के नियम शामिल होने चाहिए। इन्हें स्कूल को नोटिस बोर्ड पर लगाने के साथ-साथ पैरेंट्स को स्कूल के कम्यूनिकेशन सिस्टम के माध्यम से भेजा जाना चाहिए।