लखनऊ। हाथरस मामले को लेकर तीखी आलोचना झेल रही उत्तर प्रदेश पुलिस की अब तक की जांच इस ओर इशारा कर रही है कि बूलगढ़ी गांव में दलित बालिका की मौत के बाद माहौल बिगाड़ने के साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की छवि को भी धूमिल करने का प्रयास किया गया। पुलिस ने इस प्रकरण में अब तक 19 एफआईआरदर्ज की हैं जिनमें देशद्रोह, अंतरराष्ट्रीय साजिश और धार्मिक नफरत फैलाने जैसे आरोप लगाए गए हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने दावा किया था कि जो लोग राज्य की तरक्की से खुश नहीं हैं वे हाथरस मामले का इस्तेमाल राज्य के खिलाफ साजिश करने में कर रहे हैं। उनके इस बयान के 24 घंटे बाद ही ये 19 एफआईआर दर्ज की गई हैं।  इनमें से 6 मामले हाथरस में दर्ज हैं जबकि 13 अन्य जिलों में हैं। मुकदमे दर्ज होने के बाद अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है

इन एफआईआर में जो आरोप दर्ज किए गए हैं उनमें देशद्रोह, षड्यंत्र, जातिगत अलगाव, धार्मिक भेदभाव, इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से दुष्प्रचार, राज्य के खिलाफ साजिश और मानहानि शामिल हैं।.एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हाथरस में ए‍क गहरी साजिश है, हम सच का पता लगाएंगे। और जैसे कि विपक्षी नेता पीड़िता के परिवार मिलने पहुंच रहे हैं, तो यूपी पुलिस ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों और सुरक्षा मानकों के उल्लंघन का लेकर भी मामला दर्ज किया है।

प्रदेश सरकार की ओर से दावा किया गया है कि हाथरस की घटना के बाद राज्य में अचानक कई ऐसी वेबसाइट बनकर तैयार हो गईं जिनका मकसद जातीय तौर पर लोगों को भड़काना है। इन्हीं में से एक “जस्टिस फॉर हाथरस” नाम से वेबसाइट है, जो सबसे पहले सरकार के निशाने पर आई है। जब सरकार को इस साजिश की भनक लगी, तो कई वेबसाइट खुद ही रातों-रात बंद हो गईं। सुरक्षा एजेंसियों के पास इन सभी वेबसाइट के कंटेंट उपलब्ध हैं।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने हाल ही में भाजपा नेताओं को सावधान करते हुए कहा था कि उनकी सरकार के खिलाफ साजिश हो रही है तथा जातीय और धार्मिक दंगे भड़काने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा था कि वे लोग देश और राज्य में जातीय और सांप्रदायिक दंगे भड़काना चाहते हैं और विकास रोकना चाहते हैं।

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