सियोल। चिकित्सा विज्ञानियों ने कोरोना वायरस (कोविड-19) की जांच की एक नई विधि विकसित की है। इस तरीके से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमण की पहचान आसानी से महज 30 मिनट में कर सकता है। इसका नतीजा भी मौजूदा पीसीआर टेस्ट की तरह सटीक होगा। दक्षिण कोरिया की पोहांग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने कोरोना के आरएनए सीक्वेंस पर आधारित जांच की यह नई तकनीक ईजाद की है। आरएनए न्यूक्लिक एसिड होता है, जो आनुवांशिक जानकारी को लेकर मध्यस्थ की तरह काम करता है।
नेचर बॉयोमेडिकल इंजीनियरिंग पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, इस विधि की खासियत यह है कि टेस्ट किट महज एक हफ्ते में तैयार हो सकती है। शोधकर्ताओं ने यह पाया कि मौजूदा समय में कोरोना वायरस की जांच में इस्तेमाल हो रहे पीसीआर मॉलिक्यूलर टेस्ट से नतीजा काफी सटीक मिलता है लेकिन वायरस पहचान करने की इसकी प्रक्रिया बेहद जटिल है। जांच का यह तरीका हर जगह इस्तेमाल करने योग्य नहीं है। इसके लिए महंगे उपकरणों के साथ ही कुशल विशेषज्ञ की भी जरूरत पड़ती है। इसी को ध्यान में रखकर जांच का यह नया तरीका ईजाद किया गया है।
जांच की इस विधि में टेस्ट किट को इस तरह तैयार किया गया है कि रोगी के नमूने में कोविड-19 आरएनए की मौजूदगी पाए जाने पर यह न्यूक्लिक एसिड की उत्पत्ति करती है। इस तरीके से तत्काल वायरस की पहचान की जा सकती है। पोहांग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जिओंग वूक ली ने कहा, “यह विधि जांच की आसान तकनीक है, जो तेजी से काम करती है। यह सटीकता के साथ आरएनए का विश्लेषण कर सकती है।”