सनातन हिन्दू पंचांग को वैदिक पंचांग कहा जाता है। इस पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बनता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण हैं। इस कॉलम के माध्यम से हम आपको दैनिक पंचांग में शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिन्दू मास एवं पक्ष आदि की जानकारी देने का प्रयास करते हैं।
बुधवार, अक्टूबर २१, २०२० का पञ्चाङ्ग बरेली, भारत के लिए | |||
सूर्योदय: | ०६:१७ | सूर्यास्त: | १७:३७ |
हिन्दु सूर्योदय: | ०६:२० | हिन्दु सूर्यास्त: | १७:३३ |
चन्द्रोदय: | ११:०५ | चन्द्रास्त: | २१:३७ |
सूर्य राशि: | तुला | चन्द्र राशि: | धनु |
सूर्य नक्षत्र: | चित्रा | ||
द्रिक अयन: | दक्षिणायण | द्रिक ऋतु: | शरद |
वैदिक अयन: | दक्षिणायण | वैदिक ऋतु: | शरद |
हिन्दु लूनर दिनाँक | |||
शक सम्वत: | १९४२ शर्वरी | चन्द्रमास: | आश्विन – अमान्त |
विक्रम सम्वत: | २०७७ प्रमाथी | आश्विन – पूर्णिमान्त | |
गुजराती सम्वत: | २०७६ | पक्ष: | शुक्ल पक्ष |
तिथि: | पञ्चमी – ०९:०७ तक | ||
नक्षत्र, योग तथा करण | |||
नक्षत्र: | मूल – २५:१३ तक | योग: | शोभन – ०६:५० तक |
क्षय योग: | अतिगण्ड – २८:२५ तक | ||
प्रथम करण: | बालव – ०९:०७ तक | ||
द्वितीय करण: | कौलव – २०:१७ तक | ||
अशुभ समय | |||
दुर्मुहूर्त: | ११:३४ – १२:१९ | वर्ज्य: | ०९:५३ – ११:२५ |
२३:४१ – २५:१३ | |||
राहुकाल: | ११:५७ – १३:२१ | गुलिक काल: | १०:३३ – ११:५७ |
यमगण्ड: | ०७:४४ – ०९:०९ | ||
शुभ समय | |||
अभिजित मुहूर्त: | कोई नहीं | अमृत काल: | १९:०५ – २०:३७ |
अन्य | |||
आनन्दादि योग: | केतु/ध्वज – २५:१३ तक | तमिल योग: | सिद्ध – २५:१३ तक |
श्रीवत्स | सिद्ध | ||
होमाहुति: | बुध – २५:१३ तक | अग्निवास: | पाताल – ०९:०७ तक |
शुक्र | पृथ्वी | ||
निवास और शूल | |||
दिशा शूल: | उत्तर में | राहु काल वास: | दक्षिण-पश्चिम में |
नक्षत्र शूल: | कोई नहीं | चन्द्र वास: | पूर्व में |
चन्द्रबलम और ताराबलम | |||
निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम अगले दिन सूर्योदय तक:मिथुन, कर्क, तुला, धनु, कुम्भ, मीन *वृषभ राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र | निम्न नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबलम २५:१३ तक:भरणी, कृत्तिका, मॄगशिरा, पुनर्वसु, अश्लेशा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढा, उत्तराषाढा, धनिष्ठा, पूर्व भाद्रपद, रेवती उसके पश्चात – निम्न नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबलम अगले दिन सूर्योदय तक:अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, स्वाती, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढा, श्रवण, शतभिषा, उत्तर भाद्रपद | ||
पञ्चक रहित मुहूर्त एवं उदय-लग्न | |||
आज के दिन के लिए पञ्चक रहित मुहूर्त:०६:२० – ०८:२१ रोग पञ्चक ०८:२१ – ०९:०७ शुभ मुहूर्त ०९:०७ – १०:३९ मृत्यु पञ्चक १०:३९ – १२:४३ अग्नि पञ्चक १२:४३ – १४:२६ शुभ मुहूर्त १४:२६ – १५:५४ रज पञ्चक १५:५४ – १७:१९ शुभ मुहूर्त १७:१९ – १८:५४ शुभ मुहूर्त १८:५४ – २०:५० रज पञ्चक २०:५० – २३:०५ शुभ मुहूर्त २३:०५ – २५:१३ चोर पञ्चक २५:१३ – २५:२५ शुभ मुहूर्त २५:२५ – २७:४२ रोग पञ्चक २७:४२ – २९:५८ शुभ मुहूर्त २९:५८ – ३०:२१ मृत्यु पञ्चक | आज के दिन के लिए उदय-लग्न मुहूर्त:०६:२० – ०८:२१ तुला ०८:२१ – १०:३९ वृश्चिक १०:३९ – १२:४३ धनु १२:४३ – १४:२६ मकर १४:२६ – १५:५४ कुम्भ १५:५४ – १७:१९ मीन १७:१९ – १८:५४ मेष १८:५४ – २०:५० वृषभ २०:५० – २३:०५ मिथुन २३:०५ – २५:२५ कर्क २५:२५ – २७:४२ सिंह २७:४२ – २९:५८ कन्या २९:५८ – ३०:२१ तुला | ||
दैनिक उपवास और त्यौहार | |||
सरस्वती आवाहन,बिल्व निमन्त्रण,स्कन्द षष्ठी,कल्पारम्भ,अकाल बोधन |