नई दिल्ली। ग्लोबल ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन ने डाटा प्रोटेक्शन मामले पर संसद की संयुक्त समिति के सामने उपस्थित होने से इन्कार कर दिया है। इसके चलते सरकार कंपनी पर दंडात्मक कार्रवाई कर सकती है। संसद से जुड़े सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। भाजपा के सांसदों ने समिति के सामने आने से अमेजन के इन्कार को संसद के विशेषाधिकारों का उल्लंघन बताया है। अमेजन को समिति के सामने 28 अगस्त को उपस्थित होना था।
डाटा प्रोटेक्शन पर संसद की संयुक्त समिति की प्रमुख मीनाक्षी लेखी का कहना है कि अमेजन द्वारा उपस्थित होने से इन्कार किए जाने के बाद समिति एकमत से उस पर सरकार की ओर से कार्रवाई किए जाने के पक्ष में है। संसदीय समिति ने एकमत से यह राय बनाई कि अगर अमेजन के प्रतिनिधि 28 अक्टूबर को भी पेश नहीं होते हैं तो उनकी गैरमौजूदगी को गंभीरता से लिया जाएगा। संसद के सूत्रों ने कहा कि इसको लेकर अमेजन के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है. इसे संसद के विशेषाधिकार का हनन माना जा सकता है।
पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन विधेयक-2019 पर संसद की संयुक्त समिति की बैठक आगामी 28 और 29 अक्टूबर को होने वाली है। इस बैठक में अमेजन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को संयुक्त समिति के सामने मौखिक बयान देने के लिए 28 अक्टूबर का दिन तय किया गया है। पेटीम और गूगल को इस समिति के सामने 29 अक्टूबर को उपस्थित होना है।
11 दिसंबर 2019 को गठित हुई थी समिति
पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन विधेयक-2019 पर संसद की संयुक्त समिति का गठन 11 दिसंबर 2019 को किया गया था। संसद की वेबसाइट के मुताबिक इस समिति के सदस्यों में मीनाक्षी लेखी, एसएस अहलूवालिया, पीपी चौधरी, राजीव चंद्रशेखर, डेरेक ओ ब्रायन आदि शामिल हैं।